लखनऊ :: उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने मा0 उच्च न्यायालय प्रयागराज के लखनऊ में लगाई गयी होर्डिंग्स को तत्काल हटाये जाने के फैसले का स्वागत करते हुए मा0 न्यायालय के प्रति आभार व्यक्त किया कि उन्होने किस प्रकार भारतीय संविधान में प्रदत्त मूल अधिकार (निजता के अधिकार) की सुरक्षा के लिए स्वयं संज्ञान लेकर प्रदेश की अहंकारी योगी सरकार के उस फैसले पर तुरन्त रोक लगाई जिसके तहत इस सरकार ने अपने स्तर से ही लखनऊ के कुछ व्यक्तियों को तथाकथित रूप से अपराधी और दंगाई बता करके सार्वजनिक सम्पत्ति नष्ट करने का दोषी मान लिया था और उन लोगों से वसूली हेतु उनके फोटो एवं पता युक्त होर्डिंग्स लगायी गयी थीं। प्रदेश सरकार का यह कदम पूरी तरह असंवैधानिक, मनमाना और तानाशाही पूर्ण था क्योंकि किसी भी अपराधी पर दोष सिद्ध करना भारतीय दण्ड विधान संहिता के तहत मा0 न्यायालय को प्राप्त है न कि किसी सरकार को। सरकार का यह कदम भारतीय लोकतांत्रिक व्यवस्था की मूल अवधारणा कि न्याय पर अंतिम फैसला न्यायपालिका से होगा उसको नष्ट करने वाला था।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी केन्द्र और राज्य में जबसे सरकार में आयी है पूरी सरकार एक वर्ग विशेष के प्रति विद्वेषपूर्ण रवैया रखती है और उसे परेशान करने के लिए सारी लोकतांत्रिक मर्यादाओं को तार-तार करने पर अमादा है। पिछले कुछ दिनों से इसकी सिरीज जैसी चलायी जा रही है उसी की कड़ी की अंतिम परिणति थी जिसे आज मा0 उच्च न्यायालय प्रयागराज ने दुरूस्त करने की कोशिश की। यह भारतीय संविधान और न्याय की विजय है।
श्री अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी किसी भी अपराध और अपराधी के बचाव में कभी भी नहीं रही है लेकिन अपराध सुनिश्चित करना भारतीय संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार न्यायपालिका का अधिकार है। हम सबकी जिम्मेदारी बनती है कि हम उसका पालन करें और न्यायपालिका पर पूरा भरोसा रखें। मा0 न्यायालय जो भी फैसला करेगा उसको सभी को पालन करना होगा।
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वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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