सीकर।
अचानक बाईस मार्च को जनता कर्फ्यू के दिन कुछ लोग थाली व ताली बजा रहे थे उसी समय राजस्थान सरकार के लोकडाऊन के आदेश जारी होने से गरीब-दिहाड़ी मजदूर व रोज कमा कर खाने वाले को अपने आसमान से हाथ छुटते नजर आने पर अगले दिन से भूखे मरने की काली चादर आंखो के सामने आने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया उनके सहारे की किरण नजर आये। भूख से बिलबीलाते बच्चों को देखकर माता-पिताओं के आंखो से लाचारी से निकलते आंसुओं को सूखने से पहले जब महरिया की टीम केवल मात्र ऐसी थी जो जरुरतमंद लोगो के पास कम से कम पंद्रह दिन का राशन सामग्री का किट लेकर पहुंचने लगे तो उन जरूरतमंदो के दिलो से एकाएक दुवाओ के शब्द अपने आप निकलने लगे
पूर्व मंत्री सुभाष महरिया व उनके भाई पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया के नेतृत्व मे संचालित सुधीर महरिया स्मृति संस्थान, सीकर द्वारा जरुरतमंद परिवारों के घर घर जाकर खाद्य सामग्री के किट बांटने का काम लगातार आज मंगलवार को भी जारी रहा। खाद्य सामग्री के किट वितरण शुरु करने के साथ ही सुभाष महरिया ने एक लाख रुपये कोविड-19 के मुख्यमंत्री राहत कोष मे जमा करवाये व नंद किशोर महरिया ने अपने चार माह की पेंशन भी मुख्यमंत्री राहत कोष मे देने की घोषणा की।
सुधीर महरिया स्मृति संस्थान निदेशक एवं बी. एल. मील ने एक जानकारी मे बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण के चलते हो रहे लोकडाउन से गरीब जरूरतमंद लोगों के खाने की व्यवस्था को देखते हुए सुधीर महरिया स्मृति संस्थान सीकर द्वारा आज मंगलवार को भी खाद्य सामग्री के 147 पैकेट बांटे गए एवं अब तक 1057 पैकेट बांटे जा चुके हैं |
खाद्य सामग्री सुधीर महरिया स्मृति संस्थान के संरक्षक पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया एवं सचिव नन्दकिशोर महरिया के सहयोग से लगातार जरुरतमंदों को बांटी जा रही है। एक पैकेट में 10 किलो आटा, 1 किलो चीनी, 1 किलो चावल, 1 किलो नमक, 1 किलो दो प्रकार की दाल, मिर्च, हल्दी, चाय, साबुन व मास्क शामिल है। एक किट में एक परिवार की लगभग15 दिन की भोजन सामग्री है।
संस्थान द्वारा बनाये गए कंट्रोल रूम में अलग अलग क्षेत्र के जन प्रतिनिधि एवं अन्य सामाजिक संगठन प्रतिनिधि द्वारा दी गई सूचना के अनुसार व संस्थान टीम संदस्यों के द्वारा चिहिन्त किए क्षेत्र जादम नगर पुरोहित जी की ढाणी, न्यू हाउसिंग बोर्ड ,वार्ड नंबर 39 ,राजनगर धोद रोड, ज्योति नगर कोयला गोदाम, किशन कॉलोनी ,धर्माना चौकी के पास, मोदी कोठी गली ,जलधारी नगर प्याऊ, औद्योगिक क्षेत्र, नवलगढ़ शुरू रेलवे लाईन के बीच, हरिजन बस्ती के आस-पास सहित अन्य जगह पर जरूरतमंद परिवारों को खाद्य सामग्री के पैकेट बाँटे गये |
इस कार्य में पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया द्वारा संचालित सुधीर महरिया स्मृति संस्थान के डायरेक्टर बी.एल. मील, सुभाष मील, राकेश मील, मोहन बाजोर, पूर्व सैनिक शिवपाल सिंह मील, पार्षद मोहम्मद इमरान, पार्षद बलराम नायक, एडवोकेट सादिया, पार्षद प्रदीप बाल्मीकि, मोहम्मद इब्राहिम, इंजीनियर दिनेश जाखड़, मौलाना बरकत अली, इमरान कारीगर सहित नेहरु युवा संस्थान, न्यू हाउसिंग बोर्ड विकास समिति के स्वयं सेवक व सुधीर महरिया स्मृति संस्थान के कार्यकर्ता घर-घर जागर जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री के किट बांटने का कार्य सुचारू रुप से कर रहे है।
कुल मिलाकर यह है कि लोकडाऊन के पहले दिन से ही सीकर की जनता के हर फर्द से निजी जुड़ाव रखने वाले व उनके दुख-सूख के साथी के तौर पर जाने पहचाने जाने वाले सुभाष महरिया ने परिवार के लिये आवश्यक खाद्य सामग्री के किट जरुरतमंदों के हाथो तक पहुंचाने का जो काम शुरू कर रखा है। उसकी दुख व मुसीबत की घड़ी मे लोगो के साथ खड़े होकर भागीदारी निभाने से सुभाष महरिया द्वारा किये जा रहे नैक कार्यों की हर मन से प्रशंसा के स्वर सुनाई दे रहे है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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