सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कोविड-19 : संरा ने भारत के प्रति एकजुटता जताई, डब्ल्यूएचओ ने लॉकडाउन को ‘मजबूत’ कदम बताया

संयुक्त राष्ट्र,::  संयुक्त राष्ट्र ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में भारत के प्रति एकजुटता जताई है। साथ ही विश्व संगठन की स्वास्थ्य एजेंसी के एक शीर्ष अधिकारी ने कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिन के लॉकडाउन के कदम को ‘‘व्यापक और मजबूत’’ बताते हुए उसकी प्रशंसा की।


जॉन्स हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के आंकड़ों के अनुसार, कोरोना वायरस से दुनियाभर में मरने वाले लोगों की संख्या 18,915 हो गई और 165 से अधिक देशों तथा क्षेत्रों में संक्रमण के 422,900 से अधिक मामले सामने आए।


स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े के अनुसार, भारत में बुधवार को कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 562 हो गए।


यूनाइटेड नेशंस न्यूज ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ एकजुटता से खड़ा है।’’


वीडियो में रविवार को भारत में आहूत किए गए ‘जनता कर्फ्यू’ पर भी संज्ञान लिया गया जब देश के 1.3 अरब नागरिक सामाजिक दूरी बनाने की कोशिश के तहत सुबह सात बजे से रात को नौ बजे तक अपने घरों में ही रहे।


आमतौर पर भीड़भाड़ वाली, भारत की सड़कें उस दिन सुनसान पड़ी रहीं। यूएन न्यूज के वीडियो में रविवार को कई खाली सड़कों और शहरी इलाकों की तस्वीरें भी दिखाई गईं।


यूएन न्यूज ने कहा, ‘‘भारत में कोविड-19 वैश्विक महामारी को रोकने के लिए 21 दिन का बंद है। संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी डब्ल्यूएचओ सरकार से ‘आक्रामक कार्रवाई’ करने का अनुरोध करती है।’’


भारत में डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधि हेंक बेकेडम ने वैश्विक महामारी से निपटने में देश के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए इसे ‘‘व्यापक और मजबूत’’ बताया।


उन्होंने कहा, ‘‘बीमारी को रोकने के लिए निगरानी, प्रयोगशाला की क्षमता मजबूत करने समेत बड़ी कोशिशें की गई।’’


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सामाजिक दूरी बनाने की अपील को देशभर में काफी समर्थन मिला।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...