कोरोना वायरस से तालाबंदी और पृथक रखने के दौरान मौलिक अधिकारों का सम्मान होना चाहिए : संयुक्त राष्ट्र

जिनेवा, बेथलेहम, ::  कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने से रोकने के लिए सरकारों द्वारा उठाए जाने वाले तालाबंदी और लोगों को सभी से अलग रखने जैसे कदमों के दौरान लोगों के मूल अधिकारों का सम्मान करना चाहिए और उनकी आजीविका पर पड़ने वाले प्रभावों का ख्याल रखना चाहिए। वहीं ईसाइयों के पवित्र शहर बेथलेहम में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला सामने आने के बाद वहां आपातकाल की घोषणा कर दी गई है।


संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बेशलेट के कार्यलय ने बयान जारी कर कहा, ‘‘कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए की जाने वाला तालाबंदी, लोगों को पृथक रखे जाने जैसे उपायों का मानवाधिकारों के अनुकुल क्रियान्वयन किया जाना चाहिए और इस तरह से किया जाना चाहिए जो आवश्यक हो और आकलित खतरे के अनुपात में हो।’’


इस बीच बेथलेहम में करोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद शहर शुक्रवार को बंद रहा।


फलस्तीन की सरकार ने सात मामलों की पहचान होने के बाद बृहस्पतिवार को महीने भर के आपातकाल की घोषणा की जबकि इजराइल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि उसने बेथलेहम में आपातकाल लगाया है और लोगों के ‘‘शहर में प्रवेश और निकास दोनों पर मनाही है।’’


इसने कहा कि ‘‘फलस्तीन के अधिकारियों के साथ समन्वय कर’’ उसे बंद किया गया है।


नैटिविटी गिरजाघर बृहस्पतिवार को बंद रहा जिसे ईसाई यीशु का जन्मस्थान मानते हैं। यह स्थान एक महीने तक बंद रहने का अनुमान है।


प्रधानमंत्री मोहम्मद शातेया ने बृहस्पतिवार की देर शाम 30 दिनों के बंद की घोषणा की और कहा कि बीमारी पर काबू पाने के लिए ये उपाय आवश्यक हैं।


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