जयपुर । भीलवाड़ा शहर कोरोना वायरस को लेकर लगी धारा 144 का उल्लघंन करने के आरोप मे थाना कोतवाली, बदनोर व गुलाबपुरा क्षेत्रों में 16 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया।
शहर भीलवाडा मे कोरोना वायरस को लेकर जिला कलेक्टर के आदेशानुसार शहर भीलवाडा मे कर्फ्यू लगा रखा है। सोमवार को शहर कोतवाली की चेतक जाप्ता ने बडला चौराया से नदीम शाह पुत्र मोहम्मद सलीम शाह (22) निवासी सिंन्धु नगर व राजवीर पुत्र श्याम लाल सालवी (21) निवासी जूनावास थाना भीमगंज को बेवजह कर्फ्यू की पालना नही करने व टोकने पर मरने मारने पर उतारु होने पर मुंह पर मास्क पहनाकर सेनेटाईजर से हाथ साफ कराया जाकर नियमानुसार गिरफतार किया गया।
थाना बदनोर क्षेत्र में एक व्यक्ति ने 20-25 व्यक्ति ईकठा कर रखे थे, जिसे समझाया कि जिले में कर्फ्यू लगा हुआ है, 05 से ज्यादा व्यक्ति ईकट्ठे नहीं हों सकते है तो कहने लगा कि मुख्यमंत्री ने हमारे लिये कोई आवास नहीं बनाया है। यह कहते हुए शान्ति भंग पर उतारू रहा। जिसे नियमानुसार गिरफ्तार किया गया ।
थाना गुलाबपुरा थानाधिकारी दलपत सिंह टीम के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु राज्य सरकार द्वारा लोक डाउन के मध्यनजर कस्बा गुलाबपुरा में गश्त हेतु रवाना हुए। गश्त के दौरान कस्बे में विभिन्न स्थानो पर बेवजह घूमते विजयनगर अजमेर निवासी कन्हैया लाल पुत्र लादूलाल सैन (25) तथा थाना गुलाबपुरा, भीलवाड़ा निवासी महावीर पुत्र बंशी सिह (20), सुरेश पुत्र जगदीश जाट (19 ), सुरेश पुत्र सावंरलाल जाट (19), बल्लू कुरेसी पुत्र मुन्ना अहमद कुरेसी (19),हासिम कुरेसी पुत्र आरिफ मोहम्मद (19), भागचंद पुत्र नाथू गुर्जर (27), राजेन्द्र पुत्र नेनू सिहं काठात (27), अर्पित पुत्र गोविन्द नारायण गोयल (27), निखिल पुत्र सुकुमार वीसी (23), जावेद कुरेसी पुत्र मुन्ना हमाल कुरेसी (20),अख्तर मोहम्मद पुत्र फकरूदीन मंसुरी (27) व असलम मोहम्मद पुत्र सदीक मोहम्मद मंसुरी (21) को गिरफतार कर सैनेटाईजर से हाथ धुलवाकर व मास्क लगवाकर थाने लाये।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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