लखनऊः उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री अमित मोहन प्रसाद ने बताया कि प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव हेतु सरकार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि जनजागरण का कार्यक्रम लगातार चलाया जा रहा है, जिसमें लोगों को सैनेटाइजेशन एवं आपस में उचित दूरी बनाये रखने के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक कोरोना वायरस से संक्रमित कुल 25 मामले प्रकाश में आये हैं, जिनका विभिन्न चिकित्सालयों में उपचार चल रहा है। 25 मामलों में से 08 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं।
श्री प्रसाद ने बताया कि इस बीमारी से डरने की कोई आवश्यकता नहीं है, केवल सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि वायरस टेस्टिंग केन्द्रों की संख्या 03 से बढ़ाकर 06 कर दी गयी है। आगामी दो दिनों में 02 केन्द्र और बढ़ जाएंगे, जिससे इनकी संख्या बढ़कर 08 हो जायेगी। उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि 02 केन्द्र और बढ़ाकर इस संख्या को 10 तक ले जाएं।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि कल मा0 प्रधानमंत्री के आवाह्न पर जनता कफ्र्यू का आयोजन किया जा रहा है। मा0 मुख्यमंत्री द्वारा भी लोगों से इस दौरान घरों से बाहर न निकलने की अपील की गयी है। उन्होंने कहा कि जनता कफ्र्यू के दौरान स्वास्थ्य विभाग, नगर विकास विभाग एवं पंचायत राज विभाग द्वारा सार्वजनिक स्थलों व अस्पतालों में विसंक्रमण एवं व्यापक सफाई का कार्य किया जायेगा। इसके अतिरिक्त इस अवसर पर प्रदेश के सभी चिकित्सालयों में कोरोना वायरस के उपचार का माॅकड्रिल भी किया जायेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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