सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कोरोना वायरस: कश्मीर में प्राधिकारियों ने बंद लागू किया

श्रीनगर, :: कश्मीर में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्राधिकारियों ने बंद (लॉकडाउन) लागू करना शुरू कर दिया है।


पुलिस के वाहनों से शहर और अन्य आवासीय इलाकों में सुबह घोषणा की गई कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू कर दी गई है जिसके तहत लोगों के जमा होने पर रोक है।


लोगों से आग्रह किया जा रहा है कि वे अपने घरों में ही रहें और बिना किसी जरूरत के बाहर न निकलें।


केंद्र शासित प्रदेश प्रशासन ने रविवार को जम्मू-कश्मीर में 31 मार्च तक बंद की घोषणा की थी ताकि कोरोना वायरस के संक्रमण पर लगाम लगाई जा सके।


स्वास्थ्य सेवा समेत 16 जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को इस प्रतिबंध से छूट है।


अधिकारियों ने बताया कि घाटी में बाजार बंद हैं और सड़कों से सार्वजनिक वाहन नदारद हैं। सिर्फ दवाई और किराने के सामान वाले वाहनों को ही आने-जाने की अनुमति है।


विदेश से यहां आए कश्मीर के 1,100 से ज्यादा लोगों को अस्थायी स्थलों पर पृथक तौर पर रखा गया है।


वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे घाटी से कुछ समय के लिए बाहर न निकलें और जो बाहर हैं, वे यहां न आएं क्योंकि ऐसा करना सुरक्षित नहीं है।


अधिकारियों को कोरोना वायरस प्रभावित देशों से लौट रहे लोगों को पृथक केंद्रों पर रहने के लिए समझाने में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।


कई यात्रियों ने दिल्ली से आने के लिए हवाई मार्ग इस्तेमाल नहीं किया या पृथक होने के डर से अपनी यात्रा संबंधी जानकारी छुपाई।


श्रीनगर के उपायुक्त शाहिद इकबाल चौधरी ने कहा कि बैंकॉक, ब्रिटेन, दुबई, बांग्लादेश, कजाखस्तान सहित अन्य देशों से आने वाले 29 लोगों का पता लगाने में स्वास्थ्यकर्मी सफल रहे। इन लोगों ने अपने मार्ग बदल लिए थे या अपनी यात्रा संबंधी जानकारी स्वास्थ्यकर्मियों को नहीं दी थी।


घाटी में अब तक संक्रमण का एक मामला सामने आया है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...