लखनऊः उत्तर प्रदेश के उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण निदेशक डाॅ0 एस0बी0 शर्मा ने प्रदेश के सभी जिला उद्यान अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे किसानों की औद्यानिक उपज (फल एवं शाक भाजी) को शीतगृहों में भण्डारण की शीघ्रता से समुचित कार्यवाही सुनिश्चित कराएं। जिससे कि उनके उत्पाद को सुरक्षित रखा जा सके। उन्होंने कहा कि शासनादेश में फल एवं शाक भाजी को बंद से मुक्त किया गया है।
डाॅ0 एस0बी0 शर्मा ने बताया कि प्रदेश में लगभग 6.15 लाख हे0 क्षेत्रफल आलू से आच्छादित है। सितम्बर 2019 में वर्षा होने से आलू की बुआई में विलम्ब एवं मार्च 2020 में वर्षा एवं ओलावृष्टि से आलू की खुदाई प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि आलू की खुदाई एवं भण्डारण 15-20 दिन विलम्ब से हो रहा है तथा तापमान लगातार बढ़ने से शीतगृह में औद्यानिक उत्पाद को शीघ्र भण्डारण किया जाना अत्यन्त आवश्यक है।
उद्यान निदेशक ने जिला उद्यान अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि किसानों के आलू को शीतगृह में भण्डारण करने के सम्बंध में जो समस्याएं आएं वे अपने जनपदों के जिला प्रशासन से समन्वय स्थापित कर उनका निस्तारण करने हेतु हर सम्भव प्रयास करें। उन्होंने कहा कि यदि आलू बीज लाने-ले जाने एवं भण्डारण में किसी प्रकार की कठिनाई हो तो इसके निस्तारण हेतु उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डाॅ0 आर0के0 तोमर (मो0 7905043742) एवं उप निदेशक उद्यान डाॅ0 डी0पी0 यादव (मो0 9415185500) से सम्पर्क कर किसानों की समस्या का समाधान किया जा सकता है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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