केरल और पंजाब की तर्ज पर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार भी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी

जयपुर : . केरल और पंजाब की तर्ज पर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार (Ashok Gehlot Government) भी नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) जाएगी. गहलोत सरकार ने इस संबंध में बड़ा निर्णय (Big decision) लेते हुए राज्य के अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी को सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर करने के निर्देश दिए हैं. सूत्रों की मानें तो अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष सिंघवी 16 मार्च को सीएए के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में वाद दायर (Suit filed) करेंगे.
 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुरुआत से ही सार्वजनिक मंचों पर सीएए को पूरी तरह पक्षपाती और भारतीय संविधान के धर्म निरपेक्ष ताने-बाने को तहस-नहस करने वाला असंवैधानिक कानून बताते रहे हैं. गहलोत सरकार इसके खिलाफ विधानसभा में संकल्प प्रस्ताव भी पारित कर चुकी है. प्रस्ताव पारित किए जाने के दौरान बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में इसका जमकर विरोध भी जताया था. नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ अभी भी देशभर में प्रदर्शन जारी हैं.
 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि उनकी सरकार केंद्र के इस कानून का पुरजोर विरोध करती है. केरल और पंजाब सरकार भी नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव पारित कर चुकी है. इतना ही नहीं केरल सरकार इस कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का भी रुख कर चुकी है. सीएए के खिलाफ देशभर में जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच गहलोत सरकार का यह निर्णय सियासी हलकों में उबाल आ सकता है.
राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी गहलोत सरकार के इस कदम का विरोध करेगी और इस निर्णय के खिलाफ सड़क पर भी उतर सकती है. गहलोत सरकार के इस कदम से अब राज्य की राजनीति में एक बार फिर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो जाएगा


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