सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कर्नाटक में कोरोना वायरस ने ली एक और जान

बेंगलुरू, :: कर्नाटक में कोरोना वायरस से 70 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई। राज्य में इस वायरस से मौत का यह दूसरा मामला है।


स्वास्थ्य विभाग ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस वायरस से मौत का यह मामला राज्य में पुष्ट हुए चार नये मामलों में शामिल था। प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण से प्रभावित लोगों की संख्या 55 है।


मामले की जानकारी के अनुसार चार नये मामलों में मैसुरू निवासी 35 वर्षीय एक व्यक्ति का यात्रा और किसी व्यक्ति के संपर्क में आने का कोई इतिहास नहीं है।


विभाग ने मध्यान्ह स्थिति अपडेट में बताया, ‘‘आज तक कोरोना वायरस के पुष्ट मामलों की संख्या 55 है। इन मामलों में से दो लोगों की मौत हो गई और तीन लोगों को छुट्टी दे दी गई।’’


इसमें कहा गया है कि चिक्कबल्लापुरा जिले की रहने वाली 70 वर्षीय महिला का मक्का, सऊदी अरब की यात्रा करने का इतिहास था और वह 14 मार्च को लौटी थीं और उनकी 24 मार्च को बेंगलुरू के अस्पताल में मौत हो गई।


कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री के सुधाकर और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री बी श्रीरामलुलु ने दिन में कहा था कि जिस रोगी की मौत हुई है उसकी कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।


राज्य में कोरोना वायरस से मौत होने का यह दूसरा मामला है।


उधर , कर्नाटक सरकार ने उन मकान मालिकों के खिलाफ कानून के तहत कड़ी दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी है जो चिकित्सकों, पराचिकित्सा कर्मियों एवं स्वास्थ्यसेवा पेशेवरों से कोरोना वायरस फैलने की आशंका जताकर उनसे मकान खाली करने को कह रहे हैं।


राज्य सरकार ने वायरस को काबू करने के लिए कर्नाटक महामारी रोग (कोविड-19) नियम 2020 जारी किए हैं। जिले के उपायुक्तों, बीबीएमपी के आयुक्त एवं संयुक्त आयुक्त, नगर निगमों के आयुक्तों और जिला पुलिस उपायुक्त से इस प्रकार की घटनाओं के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...