जीएसटी अधिकारियों ने फर्जी बिल पकड़े, तीन गिरफ्तार

नयी दिल्ली,  :: दिल्ली में माल एवं सेवाकर (जीएसटी) अधिकारियों ने फर्जी बिल जारी कर धोखाधड़ी के मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों ने 17 फर्जी कंपनियां बनाई जिनमें 436 करोड़ रुपये का माल खरीदने- बेचने के फर्जी बिलों पर कर लाभ लेने का मामला सामने आया है।


एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि केन्द्रीय जीएसटी दिल्ली पूर्व आयुक्तालय के अधिकारियों ने इस मामले का पता लगाया है। उनके मुताबिक इन कपनियों ने धोखाधड़ी के जरिये इनपुट टैक्स क्रेडिट के तहत 11.55 करोड़ रुपये के कर रिफंड के लिये दावा किया।


सीजीएसटी दिल्ली पूर्व द्वारा जारी वक्तव्य के मुताबिक, ‘‘लांच पड़ताल के दौरान यह मामला प्रकाश में आया कि आरोपी व्यक्तियों द्वारा कुछ बैंक कर्मचारियों के साथ मिली भगत से एक बड़ा हवाला कारोबार चलाया जा रहा था।’’ संलिप्त बैंक कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है।


जांच में पता चला है कि 17 कंपनियां केवल कागजों पर ही हैं। ये कंपनियों केवल फर्जी बिल जारी करती हैं ताकि उनपर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का लाभ हासिल किया जा सके।


तीन आरोपियों में असिफ खान, राजीव छटवाल और अर्जुन शर्मा शामिल हैं। इन्हें एक मार्च को गिरफ्तार किया गया और बाद में 13 मार्च तक के लिये न्याययिक हिरासत में भेज दिया गया।


विज्ञप्ति के मुताबिक तीनों लोग 17 फर्जी कंपनियों को चला रहे थे। माल की वास्तव में आपूर्ति किये बिना ही फर्जी बिल जारी किये गये जिनमें 436 करोड़ रुपये का इनपुट टैक्स क्रेडिट आगे पास किया गया।


 


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