लखनऊ :: उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रदेश पदाधिकारियांे (उपाध्यक्ष, महासचिव, सचिव) की एक आवश्यक बैठक आज यहां प्रदेश कंाग्रेस मुख्यालय में प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू जी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
बैठक में संगठनात्मक मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया गया। विगत 06 फरवरी 2020 से उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी द्वारा चलाये जा रहे किसान जन जागरण अभियान की समीक्षा की गयी। जिसमें जनपदवार विकासखण्डों में गांव-गांव जाकर कार्यकर्ताओं द्वारा भराये जा किसान मांग पत्र की प्रगति पर चर्चा की गयी और किसानों से मिल रहे व्यापक समर्थन और सफलता पर संतोष व्यक्त किया गया। बैठक में इस अभियान को आगे भी जारी रखने का निर्णय लिया गया।
प्रदेश कंाग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी ने बैठक में इस अभियान से जुड़े समस्त कांग्रेसजनों एवं पदाधिकारियों को उनके कठिन परिश्रम की प्र्रसंशा की और भविष्य में किसानों की लड़ाई को और मजबूती से लड़ने के लिए तैयार रहने का आवाहन किया। उन्होने कहा कि जब तक एक-एक किसान को न्याय नहीं मिल जाता और उसकी समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता तब तक कांग्रेस पार्टी यह अभियान जारी रखेगी और किसानों के हितों के लिए सड़क से लेकर सदन तक संघर्ष जारी रहेगा।
बैठक में अ0भा0 कंाग्रेस कमेटी के सचिव एवं प्रभारीगण उ0प्र0 श्री जुबेर खान, श्री रोहित चैधरी, श्री सचिन नाईक, श्री बाजीराव खाड़े, प्रदेश कंाग्रेस के उपाध्यक्ष श्री पंकज मलिक पूर्व विधायक, उपाध्यक्ष श्री वीरेन्द्र चैधरी सहित प्रदेश कांग्रेस के सभी पदाधिकारीगण मौजूद रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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