चित्रकूट। औषधि निरीक्षक मनोज सिंह अपने कारनामों में मिट्टी डालने का बेजोड़ प्रयास कर रहे हैं।
आपको बता दें कि औषधि निरीक्षक इनदिनों अवैध मेडिकल स्टोरों की तैयार की गई खेंप पर पर्दा डालने के लिए लगातार दिशाभ्रम करते हुए हल्कीफ़ुल्की कागज़ी कमज़ोर मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी कर खुद को सक्रिय दिखाने का असफल प्रयास कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि चित्रकूट स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हमेशा से वेंटिलेटर में देखा गया है बावजूद इसके औषधि निरीक्षक बिना फार्मासिस्ट और बिना लाइसेंस के अपनी शय पर दर्जनों ऐसे मेडिकल स्टोर संचालित करवा रहे हैं जो मरीज़ों को स्वतः चिकित्सक बन दवाइयां देने का काम भी कर रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुहाई देता चित्रकूट वेंटिलेटर से कैसे खड़ा हो पायेगा, यह यक्ष प्रश्न है? फिलहाल दवा व्यापारियों के बीच औषधि निरीक्षक के कारनामो का ज़िक्र सरेआम है और जल्द फार्मा एसोसिएशन व्यापारियों के रहनुमा प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी के समक्ष अपनी गुहार लगाएगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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