ड्रग इंस्पेक्टर का रूट डायवर्ज़न एपिसोड

चित्रकूट। औषधि निरीक्षक मनोज सिंह अपने कारनामों में मिट्टी डालने का बेजोड़ प्रयास कर रहे हैं।   
     आपको बता दें कि औषधि निरीक्षक इनदिनों अवैध मेडिकल स्टोरों की तैयार की गई खेंप पर पर्दा डालने के लिए लगातार दिशाभ्रम करते हुए हल्कीफ़ुल्की कागज़ी कमज़ोर मेडिकल स्टोरों पर छापेमारी कर खुद को सक्रिय दिखाने का असफल प्रयास कर रहे हैं। 
   ज्ञात हो कि चित्रकूट स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर हमेशा से वेंटिलेटर में देखा गया है बावजूद इसके औषधि निरीक्षक बिना फार्मासिस्ट और बिना लाइसेंस के अपनी शय पर दर्जनों ऐसे मेडिकल स्टोर संचालित करवा रहे हैं जो मरीज़ों को स्वतः चिकित्सक बन दवाइयां देने का काम भी कर रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं की दुहाई देता चित्रकूट वेंटिलेटर से कैसे खड़ा हो पायेगा, यह यक्ष प्रश्न है? फिलहाल दवा व्यापारियों के बीच औषधि निरीक्षक के कारनामो का ज़िक्र सरेआम है और जल्द फार्मा एसोसिएशन व्यापारियों के रहनुमा प्रभारी मंत्री नंद गोपाल नंदी के समक्ष अपनी गुहार लगाएगा। 





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