लखनऊ ::: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के कारण अराजकता व्याप्त है। प्रदेश की बड़ी आबादी दहशत में है। दबंगों ने गरीबो का जीना दुश्वार कर रखा है। भाजपा ने नैतिकता को ताक पर रखकर असत्य को स्थापित करने की प्रतियोगिता शुरू कर दी है। उन्होंने कहा भाजपा के अहंकार से ऊबी जनता का भरोसा समाजवादी पार्टी और उसकी सरकार के समय हुए तमाम विकासकार्यों पर है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी के 351 विधायकों के साथ जनता के बल पर फिर समाजवादी सरकार बनेगी।
अखिलेश यादव यहां पार्टी मुख्यालय में एकत्र कार्यकर्ताओं को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि ‘जो सड़क पर आया था मरने के लिए आया था‘ मुख्यमंत्री जी का यह कथन पद की गरिमा के प्रतिकूल निम्नस्तरीय है। यह भाषा अलोकतांत्रिक है। जितने लोग मरे हैं वे पुलिस की गोली से मरे हैं। समाजवादी सरकार में इसके दोषी अधिकारियों और जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाएगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा राज में नागरिकों के अधिकारों को कुचला जा रहा है। लोकतंत्र में असहमति का अधिकार है। भाजपा नागरिकों के अधिकारों को कुचलना अपनी बहादुरी मानती है। लोकतंत्र में धमकी और अहंकार के लिए कोई स्थान नहीं हो सकता है। अहंकार लोकजीवन को लांछित करता है। भाजपा सत्ता का दुरूपयोग कर रही है।
यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री जी धोखे की राजनीति करते हैं। वन ट्रिलियन डालर अर्थव्यवस्था का दावा किया गया है मगर कैसे हासिल किया जाएगा इसकी कोई रूपरेखा नहीं आई है। इसी तरह किसानों की आय 2022 तक दुगनी कैसे होगी? किसानों को फसलों की डेढ़ गुना उत्पादन लागत कैसे मिलेगी?
अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था दिन पर दिन बिगड़ती जा रही है। पुलिस हिरासत में सबसे ज्यादा हत्याएं उत्तर प्रदेश में हुई है। फर्जी एनकाउण्टर पर मानवाधिकार आयोग की नोटिस उ0प्र0 सरकार को मिली है। ग्राम ढोकरी प्रयागराज में महिला और उसके पति को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया गया। बच्चियों से बलात्कार की खब़रें रोज ही मिल रही है। क्या यही रामराज्य है?
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार को गौमाता की भी चिंता नहीं। गौशालाओं में चारा-पानी के अभाव में वे मर रही है। शहरों, खेतों और सड़कों पर सांड़ो का साम्राज्य है। आवारा पशु किसानों की फसल खा रहे हैं। भाजपा सरकार दावा करती है कि दो लाख करोड़ निवेश आया है इसकी सच्चाई क्या है? निवेश के आंकड़े क्यों छुपाए जा रहे हैं। एमओयू के बाद कहां कौन से उद्योग लगे? एमओयू को ही निवेश नहीं मान लेना चाहिए। उन निवेशकों को दी गई सुविधाओं, राहत इन्सेन्टिव व सब्सिडी का ब्यौरा कहां है? इसे सार्वजनिक करना चाहिए।
अखिलेश यादव ने कहा कि जीवन में बदलाव लाने वाले काम समाजवादी सरकार में हुए थे। जो मेडिकल कालेज समाजवादी सरकार में बने थे उन्हें ही अपना बताने में भाजपा संकोच नहीं कर रही है। एक्सप्रेस-वे और मेट्रो जैसी कोई चीज भाजपा नहीं बना पाई है। समाजवादी सरकार पुनः बनने पर और भी अच्छी सुविधायुक्त अस्पताल बनाएंगे। चिकित्सा सुविधाएं बढ़ाई जाएगी। जनहित के विकासकार्यों का विस्तार किया जाएगा।
यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी की मजबूती के लिए हम सबकी एकजुटता एवं निष्ठा आवश्यक है। जनता का भरोसा कायम रखना है। हमें सघन जनसम्पर्क और सौहार्दपूर्ण व्यवहार के साथ गांव-गांव घर-घर समाजवादी पार्टी की नीतियों, कार्यक्रम और समाजवादी सरकार की उपलब्धियों को पहुंचाने के कार्यक्रम में अभी से लग जाना है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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