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शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों ने कहा: अनुमति मिलने के बाद वे शाह के आवास के लिए मार्च करेंगे

नयी दिल्ली, :: शाहीन बाग प्रदर्शन के आयोजकों ने रविवार को कहा कि उचित अनुमति मिलने के बाद ही प्रदर्शनकारी बातचीत के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निवास के लिए मार्च करेंगे। इस रैली के चलते इलाके की सुरक्षा बढ़ा दी गई।


प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें पुलिस से मंजूरी मिलने का इंतजार है जिसने कुछ वक्त मांगा है। उन्होंने पहले घोषणा की थी कि वे रविवार को मार्च निकालेंगे।


दक्षिण पूर्वी दिल्ली के शाहीन बाग में बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात रहे जहां सैकड़ों महिलाएं संशोधित नागरिकता कानून को लेकर बातचीत करने के लिए शाह के निवास की ओर कूच करने के लिए एकत्र हुईं।


वहां बैरीकैड लगा दिए गए और कुछ दूर जाने पर प्रदर्शनकारियों को रोक दिया गया।


प्रदर्शनकारियों ने शाह से मिलने देने की इजाजत देने के लिए पुलिस से संपर्क के वास्ते शाहीन बाग की ‘दादियां’ कही जाने वाली बुजुर्ग महिलाओं समेत आठ सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल चुना।


जावेद खान नामक एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘‘पुलिस ने कहा है कि उसने गृह मंत्री से मिलने का हमारा अनुरोध आगे भेज दिया है और उसने उसके लिए कुछ वक्त मांगा है।’’


खान ने कहा कि पुलिस से मंजूरी मिलने के बाद प्रदर्शनकारी अपनी योजना फिर बनाएंगे।


जरूरी मंजूरी न मिलने पर सीएए विरोधी प्रदर्शनकारी अपने प्रदर्शन स्थल पर लौट गए जहां वे इस नए कानून के खिलाफ आंदोलन करते आ रहे हैं।


पुलिस उपायुक्त (दक्षिण-पूर्वी) आर पी मीणा, अतिरिक्त उपायुक्त (दक्षिण-पूर्वी) कुमार ज्ञानेश और शाहीन बाग के थाना प्रभारी ने प्रदर्शनकारियों के एक दल से बातचीत की और उन्हें आश्वासन दिया कि उनका आवेदन आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित अधिकारियों के पास भेजा गया है।


मीणा ने कहा, ‘‘ प्रदर्शनकारियों ने अपने आवेदन की स्थिति के बारे में जानना चाहा। यह शाहीन बाग से गृहमंत्री के निवास तक मार्च निकालने के लिए अनुमति से संबंधित था। हमने उनसे कहा कि आवेदन नयी दिल्ली के पुलिस उपायुक्त को दिया भेजा गया है जिसे फिर पुलिस मुख्यालय को सौंपा जाएगा और आखिरी फैसला वहीं से होगा।’’


तीन दिन पहले शाह ने कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून से जुड़े मुद्दों पर चर्चा का इच्छुक कोई भी व्यक्ति उनके कार्यालय से वक्त ले सकता है।


गृह मंत्री ने कहा, ‘‘ हम तीन अंदर के अंदर समय देंगे।’’


प्रदर्शनकारी मुख्यत: महिलाएं पिछले दो महीने से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए), राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) के खिलाफ धरने पर हैं।


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