नयी दिल्ली, : इतिहास में सात फरवरी का दिन अमेरिका के साथ एक बड़ी सुरीली घटना के साथ दर्ज है। दरअसल सात फरवरी 1964 को ब्रिटेन की संगीत की सेना ने अमेरिका पर धावा बोल दिया, जब बीटल्स ने पहली बार न्यूयार्क सिटी में कदम रखा था। इस बैंड के प्रति लोगों में जुनून की हद तक आकर्षण था और इसका अंदाजा लगाने के लिए यह तथ्य अपने आप में पर्याप्त है कि दो दिन बाद हुए बीटल्स के शो को दुनिया भर के सात करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा।
देश दुनिया के इतिहास में सात फरवरी की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:- 1856 : अवध के नवाब वाजिद अली शाह को ईस्ट इंडिया कंपनी ने गद्दी छोड़ने पर मजबूर किया और पूरे अवध पर कंपनी का कब्जा हो गया।
1939 : लंदन में फलस्तीन कांफ्रेस शुरू। प्रधानमंत्री चैंबरलेन ने यहूदियों और अरब प्रतिनिधियों के बीच सुलह सफाई का अनुरोध किया।
1962: राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी ने क्यूबा पर पूर्ण व्यापारिक प्रतिबंध लगाया 1964 : ब्रिटेन के म्यूजिक बैंड बीटल्स का अमेरिका आगमन। उनके शो को करोड़ों लोगों ने देखा।
1969 : अल फतह के नेता यासर अराफात फलस्तीनी मुक्ति संगठन :पीएलओ: के अध्यक्ष बने।
1974 : ग्रेनाडा को ब्रिटेन से आजादी मिली।
1983 : कलकत्ता में इस्टर्न न्यूज एजेंसी की स्थापना।
1986 : राजनीतिक अस्थिरता के चलते हैती के राष्ट्रपति ज्यां क्लाउड डुवेलियर अमेरिका की सहायता से भागकर फ्रांस चले गए।
1989 : टेनिस की दुनिया के बेताज बादशाह रहे ब्योर्न बोर्ग ने मिलान में आत्महत्या का प्रयास किया।
1992 : स्वदेश में ही निर्मित पहली पनडुब्बी ‘आईएनएस शाल्की’ को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया।
1999 : जोर्डन के शाह हुसैन की मौत के कुछ ही घंटे बाद उनके पुत्र अब्दुल्लाह देश के शासक बने।
2005 : ब्रिटेन की एलन मैक्आर्थर ने रिकार्ड समय में अपनी नौका से पूरी दुनिया का चक्कर लगाया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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