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राज्यसभा में सात निजी विधेयक पेश

नयी दिल्ली, ::  शरणार्थियों के संरक्षण के लिए कानूनी ढांचा बनाने के प्रावधान वाले एक विधेयक सहित राज्यसभा में शुक्रवार को सात निजी विधेयक पेश किए गए।


कांग्रेस के हुसैन दलवई ने शरणार्थियों के संरक्षण के संबंध में ‘शरणार्थी और शरण स्थल विधेयक’ पेश किया। विधेयक में प्रावधान किया गया है कि एक उपयुक्त कानूनी ढांचा बना कर शरणार्थियों और शरण चाहने वाले लोगों के लिए एक प्रभावी तंत्र स्थापित किया जा सके।


यह कानूनी ढांचा शरण मांगने वालों के दावों का निर्धारण करेगा।


दलवई ने भारतीय दंड संहिता 1860 और अपराध प्रक्रिया संहिता 1973 में संशोधन के लिए दंड विधि (संशोधन) विधेयक भी पेश किया।


भाजपा के महेश पोद्यार ने राष्ट्रीय अपशिष्ट प्रबंधन परिषद विधेयक पेश किया। इस विधेयक में अपशिष्ट के व्यवस्थित ढंग से प्रबंधन और समुचित नीतिगत उपायों का सुझाव देने के लिए राष्ट्रीय अपशिष्ट प्रबंधन परिषद की स्थापना का प्रावधान है।


भाजपा की ही सरोज पांडेय ने लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण (संशोधन) विधेयक पेश किया। इसमें लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के संशोधन का प्रस्ताव है।


मनोनीत राकेश सिन्हा ने नौकरी से निकाले गए कर्मचारी (कल्याण) विधेयक पेश किया।


गैर सरकारी कामकाज के दौरान भाजपा के डॉ किरोड़ीलाल मीणा ने जहां राजस्थान राज्य को विशेष वित्तीय सहायता विधेयक पेश किया, वहीं शिवसेना के अनिल देसाई ने संविधान (संशोधन) विधेयक (अनुच्छेद 47 क का अंतर्वेषन) पेश किया।


उच्च सदन में शुक्रवार को भोजनावकाश के बाद गैर सरकारी कामकाज होता है। 


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