जयपुर।
बोर्ड मीटिंग में कई अहम प्रस्ताव पर चर्चा की गई। मीटिंग में वक्फ कमेटियों के काम काज की आॅन लाईन माॅनिटरिंग का प्रस्ताव सर्व सहमति पारित किया गया ,इसके साथ ही कमेटियों को अपनी आय व्यय का ब्यौरा भी आॅन लाईन पेश करना होगा ,इससे कमेटियों के काम काज में पारदर्शिता और शिकायतों के निस्तारण जल्द हो पायेगा।
वक्फ कमेटियों के कार्यशैली एवं खर्च के मामलों में लगातार विवादास्पद स्थितियां सामने आयीं हैं जिसको लेकर यह निर्णय लिया गया है कि सभी कमेटियों को प्राप्त होने वाली आय दस्तावेज़ों के साथ आॅनलाईन पोर्टल पर रोजना दर्ज करनी होगी। साथ ही किसी भी प्रकार के खर्च से पूर्व वक्फ एक्ट के नियमानुसार कार्यवाही सम्पन्न कर बोर्ड की पूर्वानुमति प्राप्त करनी होगी साथ ही इस पोर्टल पर सम्बन्धित कमेटी के अन्तर्गत किराया व अंशदान सम्बन्घित सभी रिकार्ड भी संधारित होगा।
अनियमित्ताओं के मामले में बोर्ड दर्ज करवायेगा मुकदमें:-
वक्फ सम्पतियों की नियम विरूद्ध किरायेदारियों गबन एवं अनियमित्ताओं के मामले में निर्णय लिया गया। इसके अलावा जिन वक्फ सम्पत्तियों और कमेटियों के खिलाफ अनियमितता की शिकायतें मिली थी इनके खिलाफ जांच करने व फौजदारी मुकदमा करवाने का निर्णय भी पारित हुआ।
प्रदेश में जयपुर सी स्कीम मस्जिद रेजीडेन्सी, फतेहपुर और आमेर में छात्र /छात्राओं के लिए हाॅस्टल निमार्ण व कार्यालय वक्फ भवन में निःशुल्क कोचिंग आरम्भ करने का निर्णय भी ध्वनिमत से पारित किया गया है साथ ही पिछले दिनों विवादों में रहे सिंधाना कब्रस्तान की किरायेदारी मामले में नियम विरूद्ध किरायेदारियों को निरस्त करने एवं झुंझुनू की दरगाह हजरत कमरूद्दीन शाह में दुकानों के निर्माण पर भी बोर्ड द्वारा रोक लगाई गई है।
बोर्ड द्वारा कर्मचारियों के पदोन्नति का अनुमोदन भी किया गया व बोर्ड कार्यालय में किए गये रंगरोगन व अन्य कार्य के लिए सभी सदस्यों ने अध्यक्ष महोदय की सराहना की है।
मीटिंग में बोर्ड के सदस्य श्रीमति राना जैदी, अस्मा, अश्क अली टाक पूर्व सांसद, रफीक खान विधायक, नासिर अली नकवी एडवोकेट, शौकत कुरेशी, जमील अहमद कुरेशी आरएएस, व मोहम्मद युसुफ खान तथा बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एम.शाह (आरएएस) मोजूद रहे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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