जयपुर।
राजस्थान भ्रस्टाचार निरोधक ब्यूरो के आला अधिकारियों की मजबूत पकड़ व जिला स्तरीय अधिकारियों व कर्मचारियों से उनके अच्छे सामंजस्य की ताकत पर प्रदेश के अलग अलग हिस्सों मे रोजाना रिश्वतखोर पकड़े जा रहे है। पिछले हफ्ते सीकर मे सीजीएसटी के अधिकारी अक्षय शर्मा व पलसाना मे तैनात रेलवे सेक्सन इंजीनियर बाबूलाल ओसवाल को रिश्वत लेते विभाग ने धर दबोचा।
इसी तरह टोंक जिले के मालपुरा थाने के कॉन्स्टेबल सुरेन्द्र सिंह को 4500 रुपये की घुस लेते रात तीन बजे गिरिफ्तार किया जो बजरी कर वाहन पार करवाने की एवज में रिश्वत ले रहा था। रात के अंधेरे में 3 बजे टोंक एसीबी ने ट्रेप की कार्यवाही को अंजाम दिया। टोंक में बजरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की धज्जियां टोडारायसिंह, मालपुरा, सदर थाना टोंक, बरौनी, पीपलू में सर्वाधिक बजरी खनन को लेकर उड रही है। टोंक की बजरी महानगरों मे पंहुचती है। बजरी खनन पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाई हुई है। एसीबी टीम कॉन्स्टेबल को मालपुरा से टोंक के लिये लेकर हुई रवाना। सीआई व डिप्टी के नाम पर बजरी माफियाओं से उगाही करने वाले कांस्टेबल सुरेन्द्र सिंह को ट्रेप करते समय मोके पर मोजूद अन्य कांस्टेबल रामभजन मोका पाकर भाग गया।
कुल मिलाकर यह है कि राजस्थान ऐसीबी मे अब तक आईजी व हाल ही मे पद्दोन्नति पाकर एडिसनल डीजी बने एम एन दिनेश के पदस्थापना से छोटी बडी मछली के रुप मे रिश्वतखोरो को पकड़ने का सीलसीला लगातार गति पकड़े हुये है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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