लखनऊ :: उ0प्र0 कुपोषण, अल्प पोषण, बाल मृत्यु और बच्चों के शारीरिक विकास के अवरूद्धता से पीड़ित है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह क्षेत्र गोरखपुर से सटे बस्ती जिले के कप्तानगंज थाने के ओझा गंज गांव के निवासी हरीश चन्द्र का पूरा परिवार कुपोषण की भेंट चढ़ गया। हरिश्चन्द्र की दो बेटियां, एक बेटा और पत्नी की कुपोषण से मौत हो चुकी है। उ0प्र0 सरकार की नाकामी के चलते राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स्वतः संज्ञान लिया है और प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए चार सप्ताह में जवाब देने को कहा है। यह केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के कुपोषण मुक्त भारत बनाने और स्वस्थ एवं सबल भारत बनाने के झूठ को आईना दिखाता है।
उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि बिहार के बाद उ0प्र0 कुपोषण के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां का हर तीसरा बच्चा कुपोषित है। प्रत्येक वर्ष के सितम्बर माह को सुपोषण माह के रूप में मनाने का छलावा किया जा रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश में भयावह बेरोजगारी है। जिसके चलते हरिश्चन्द्र जैसे गरीब लोगों का परिवार भुखमरी और कुपोषण से अपनी जान गंवा रहा है। प्रदेश में जितने भी कुपोषण मुक्त बनाने के लिए अभियान चलाये जा रहे हैं वह सिर्फ कागजी हैं। ये सभी अभियान सरकार व अधिकारियों की मिलीभगत की भेंट चढ़ रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश में सर्वाधिक युवाओं की आबादी है। ऐसे में यदि बच्चे कुपोषित होंगे तो उनके भविष्य का क्या होगा, यह बहुत ही चिन्ता का विषय है। यूपीए की सरकार इन बातों से अवगत होते हुए ही गरीब एवं कुपोषित महिलाओं एवं बच्चों के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं जैसे बाल विकास एवं पुष्टाहार, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना एवं खाद्य सुरक्षा अधिनियम को लागू किया था। लेकिन कांग्रेस की सरकार जाने के बाद केन्द्र सरकार और प्रदेश की योगी सरकार इन योजनाओं के प्रति गंभीर नहीं रही और जिसका परिणाम है कि आज प्रदेश में महिलाएं और बच्चे कुपोषण एवं रक्त अल्पता से अपनी जान गंवाने के लिए मजबूर हैं। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार हरिश्चन्द्र के परिवार को तत्काल सरकारी मदद मुहैया कराये एवं प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देशित करे कि प्रदेश के किसी भी जनपद में इस तरह की दुःखद घटना की पुनरावृत्ति न हो।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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