लखनऊ । सिड पठान और राज एंड मेराज अंसारी फाउन्डेशन द्वारा मिस एंड मिस्टर राईजिंग स्टार सीज़न-2 का सफल आयोजन लखनऊ के हज़रत गंज स्थित होटल में किया गया जिसमें प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आये प्रतिभागियों ने अपने टैलेन्ट को जजों के सामने रखा । कार्यक्रम में फैशन शो को जज करने के लिए बालीवुड में अपनी पहचान ससुराल सिमर का, एक रिश्ता ऐसा भी जैसे अनेक टीवी शो द्वारा प्राप्त कर चुकी मशहूर अभिनेत्री प्रियमवदा कान्त ने अदा की जिनके साथ में ओमदीप मोतियानी, दीप सच्चर, निभा मिश्रा ने अपने तीखे सवालों से प्रतिभागियों के सामने कई बार मुश्किल भी खड़ी करी । इस कार्यक्रम में पुरुष व महिलाओं का अलग-अलग रिजल्ट घोषित किया गया । जिसमें पुरुषों में प्रथम पुरस्कार तरुन द्वितीय काशिफ व तृतीय राज गोंड को प्राप्त हुआ वहीं फीमेल में फस्र्ट पुरस्कार कुमकुम द्वितीय मुस्कान व तृतीय निशु ने अर्जित किया । राज एंड मेराज अंसारी ने बातचीत में बताया कि वह इस प्रकार के कार्यक्रमों को लगातारी आयोजित करते रहते है और इसका उद्देश्य छिपी हुई प्रतिभाओं को एक मंच उपलब्ध कराना होता है क्योकि अधिकतर देखा जाता है कि दूर दराज के क्षेत्रों में रहने वाले युवक/युवतियों में प्रतिभा होने के बावजूद सही मार्ग दर्शन व प्लेटफार्म ने मिलने के कारण आगे तक नहीं पहंुच पाते है । इस कार्यक्रम का मकसद उन लोगो को सही मार्ग दर्शन व प्लेटफार्म देना है । कार्यक्रम को सफल बनाने में फैन फेयर और आथेटिक होम्योपैथिक ने अपना पूर्ण सहयोग दिया ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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