‘लव जिहाद’ केरल में वास्तविकता : भाजपा नेता

कोट्टयम,::  भाजपा ने बुधवार को दावा किया कि ‘लव जिहाद’ केरल में वास्तविकता है। हालांकि एक दिन पहले ही केंद्रीय गृह मंत्रालय ने संसद को बताया था कि किसी भी केंद्रीय एजेंसी ने ‘लव जिहाद’ का कोई मामला रिपोर्ट नहीं किया है।


सायरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के बिशपों के बयान से सहमति जताते हुए भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य पीके कृष्णादास ने गृह मंत्रालय से असल तथ्यों को सामने लाने के लिए ऐसे मामलों की ‘व्यापक जांच’ कराने का अनुरोध किया।


सायरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के बिशपों ने हाल में ‘लव जिहाद’ की घटनाओं पर राज्य में बहस शुरू कर दी है।


कृष्णादास ने यहां पत्रकारों से कहा, “ मौजूदा कानून में ‘लव जिहाद’ शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन यह तथ्य है कि लव जिहाद (केरल में) हो रहा है।”


उन्होंने माकपा नीत एलडीएफ की मौजूदा सरकार और कांग्रेस नीत यूडीएफ की पिछली सरकार पर ‘लव जिहाद’ के मुद्दे पर केंद्र को उचित रिपोर्ट नहीं भेजने का आरोप लगाया।


कृष्णादास ने आरोप लगाया, “ यूडीएफ और एलडीएफ के नियंत्रित वाली सरकारों ने केंद्र को रिपोर्ट दी कि केरल में ऐसी घटनाएं नहीं हो रही हैं।


उन्होंने कहा कि भाजपा ‘लव जिहाद’ के मुद्दे पर सायरो-मालाबार कैथोलिक चर्च के विचार से सहमति रखती है।


उन्होंने कहा, “ ‘लव जिहाद’ के मुद्दे पर सायरो-मालाबार चर्च की शिकायतें और आरोप तथ्यों और सच पर आधारित हैं। हम उनके विचारों को साझा करते हैं।”


‘लव जिहाद’ पर केंद्र सरकार के स्पष्टीकरण के बाद सायरो-मालाबार चर्च ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चर्च की धर्म सभा ने उस मुद्दे के बारे में बयान दिया जो अब भी अस्तित्व में है।


मामले की जांच की मांग करते हुए चर्च ने एक बयान में कहा कि चर्च यह साफ कर देना चाहता है कि धर्मसभा का मकसद केरल के सांप्रदायिक सौहार्द को खराब करना नहीं है।


बयान में कहा गया कि धर्मसभा ने सिर्फ यह राय व्यक्त की थी कि अंतर धार्मिक प्रेम प्रसंग परिवार और समाज में परेशानी पैदा करते हैं और ऐसे मामलों की जांच होनी चाहिए।


कृष्णादास ने कहा कि भाजपा भी ‘लव जिहाद’ को दो धर्मों के बीच के मुद्दे के रूप में नहीं देखती है।


उन्होंने कहा, “ इसे दो धर्मों के बीच के मुद्दे को तौर पर मिलाने की गलती मत कीजिए। आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता है। हम इसे हिन्दू-मुस्लिम या ईसाई-मुस्लिम मुद्दे के तौर पर नहीं देखते हैं।”


केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि ‘लव जिहाद’ मौजूदा कानूनों के तहत परिभाषित नहीं है और इससे जुड़ा कोई मामला केंद्रीय एजेंसियों के संज्ञान में नहीं आया है।


रेड्डी ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद 25 किसी भी धर्म को स्वीकारने, उस पर अमल करने और उसका प्रचार-प्रसार करने की आजादी देता है।


उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय सहित कई अदालतों ने इस विचार को सही ठहराया है।


उन्होंने कहा कि एनआईए ने केरल में अलग अलग धर्मों के जोड़ों के विवाह के दो मामलों की जांच की है।


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