सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

कंसास से सीनेट में जगह बनाने की कोशिश में जुटीं भारतीय अमेरिकी मेयर

वाशिंगटन, ::  अमेरिका के कंसास राज्य से सीनेट में प्रवेश की कोशिश में जुटीं मैनहट्टन की भारतीय अमेरिकी मेयर ऊषा रेड्डी ने अपनी प्रचार मुहिम के लिए एक लाख डॉलर का चंदा एकत्र कर लिया है।


रेड्डी (54) डेमोक्रेटिक पार्टी से सीनेट की सदस्य बनने की कोशिश कर रही हैं। वह 1973 में आठ साल की उम्र में अपने माता-पिता के साथ आंध्र प्रदेश से अमेरिका आई थीं।


उन्होंने पिछले महीने कंसास में मैनहट्टन की मेयर के तौर पर शपथ ग्रहण की थी।


कंसास से मौजूदा सीनेटर एवं रिपब्लिक पार्टी के सदस्य पैट रॉबर्ट्स ने दोबारा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की है। रिपब्लिकन पार्टी के गढ़ कंसास से 1932 से कोई डेमोक्रेट चुनाव नहीं जीता है।


सीनेट की इस सीट के डेमोक्रेटिक उम्मीदवार के चुनाव के लिए पार्टी के प्राइमरी चुनाव चार अगस्त को होंगे, जिनमें रेड्डी समेत चार दावेदार भाग्य आजमाएंगे। रिपब्लिकन प्राइमरी में सात दावेदार मैदान में है।


ऊषा रेड्डी के पिता वेंकेटा येलेटी (77) को अपनी बेटी के बलात्कार के मामले में जुलाई 2019 में दोषी ठहराया गया था।


रेड्डी का मानना है कि अपने अतीत को गले लगाना और अपने भविष्य को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है।


उन्होंने हाल में एक साक्षात्कार में कहा था, ‘‘यदि मैं 40 साल बाद अपने पिता को दूर कर सकूं, तो बाकी सब सही लगता है।... मैं समझती हूं कि सीनेट के चुनाव एक मुश्किल लड़ाई है लेकिन मेरे जीवन में मैंने हमेशा मुश्किल लड़ाई ही लड़ी है।’’


कंसास में पहली भारतीय अमेरिकी मेयर रेड्डी अमेरिकी सीनेट के लिए लड़ने वाली कंसास के किसी शहर पहली मेयर हैं।


रेड्डी के बयान के अनुसार उन्होंने प्रचार मुहिम के लिए अब तक एक लाख डॉलर का चंदा जुटा लिया है।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...