जौहर यूनिवर्सिटी की दीवार पर चला प्रशासन का जेसीवी।

रामपुर :: सपा सांसद आजम खान की मुश्किलें एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही हैं एक बार फिर प्रशासन ने आजम खान के ड्रीम प्रोजेक्ट का रुख कर लिया है मामला जौहर यूनिवर्सिटी में निहित चकरोड की जमीन का है जिसका एक्सचेंज गलत तरह से किया गया था जिसको लेकर पहले एसडीएम कोर्ट और फिर कमिश्नर कोर्ट के बाद बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने इसे गलत माना था और जमीन को सरकार ने संनहित करने का निर्देश दिया गया था। जिसको लेकर पहले उस जमीन पर प्रशासन द्वारा कब्जा ले लिया गया था लेकिन कुछ जगह पर बिल्डिंग्स और दीवारें होने के कारण नोटिस देकर यूनिवर्सिटी प्रशासन को उसे हटाने को कहा गया था, तय समय के बाद भी जब अवैध रूप से निर्मित कंस्ट्रक्शन को नहीं हटाया गया इसलिये आज जिला प्रशासन ने यूनिवर्सिटी पहुंचकर जेसीवी से अवैध निर्माण को तोडकर रास्ता निकाल दिया है वहीं यूनिवर्सिटी के अन्दर निहित कुछ बिल्डिंग भी चकरोड की जद मे हैं जिनको तोड़ा जाना है लेकिन आज यूनिवर्सिटी प्रशासन को और तीन din  का समय दिया गया है जिसमें प्रशासन ने यूनिवर्सिटी को उपरोक्त निर्माण हटाने को कहा है।
वही इस मामले में जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया। कुछ समय पूर्व चकरोड की जमीन का एक्सचेंज का मामला। था। जो जनरल ई एक्सचेंज हो नहीं सकता। इसमें वाद दायर हुआ था एसडीएम कोर्ट में,,, कमिश्नर की कोर्ट,,उसके बाद बोर्ड ऑफ रेवेन्यू में,,, इस मामले को डिसाइड किया गया था। बोर्ड ऑफ रेवेन्यू ने इसको गलत माना था। और इस जमीन को सरकार मैं संहित करने का निर्देश दिया था। उसके अनुपालन में कुछ समय पूर्व कब्जा किया गया था और उसमें कुछ जगह कंस्ट्रक्शन पाए गए थे। उसमें से एक तो बाउंड्री ही बनी हुई थी। बाकी दो बिल्डिंग बनी हुई है उनको इसके बाद प्रॉपर नोटिस दिया गया। उनको 15 तारीख तक का समय दिया गया था कि वे नियत तारीख तक हटा ले। 15 तारीख तक ना तो उसके द्वारा हटाया गया ना ही कोई स्टे दिया गया। डीएम ने कहा हमने उनको सूचित भी किया था कि हम इस पर इनफॉर्मेंट करने जा रहे हैं। अगर। इसको गिराने के लिए कोई रोक हो तो आप बता दे,,। उनके द्वारा इस पर अनभिज्ञता दिखाई गई।। इसके बाद आज हमारी तहसील की टीम ने जहां दीवार का कंस्ट्रक्शन था जिस जमीन पर जो हमने कब्जा लिया था। उस पर उनको हमने गिरा दिया उसके अलावा दो बिल्डिंग्स भी आ रही है। क्योंकि वह यूनिवर्सिटी के अंदर है और हम नहीं चाहते यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के मामले में कोई डिस्टरबेंस हो यह देखते हुए हमने उनको 3 दिन का समय दिया है कि आप स्वयं इसको हटा ले। क्यों के ये अवैध निर्माण है और अगर वे नहीं हटाते हैं तो तहसील की टीम नियमानुसार उस पर कार्रवाई करेगी। एक जगह छोड़कर करीब चार-पांच जगह जहां निर्माण था। यह करीब 10 से लेकर 14 फीट तक का निर्माण था। उस निर्माण को तोड़ा गया है। यह जमीन वह जमीन है जिस को अवैध रूप से एक्सचेंज किया गया था। जो कि नहीं हो सकता। यह सार्वजनिक उपयोग की जमीन है। इस तरह की। जमीन के लिए एक प्रोसीजर होता है। जिलाधिकारी ने कहा ज्यादातर जगहों पर से हमने कब्जा हटाने की कार्यवाही शुरू कर दी है। जो भी प्रोसीजर है हम उस प्रोसीजर के हिसाब से कार्यवाही कर रहे हैं। आगे भी जिन जिन जगहों पर उनका अवैध कब्जा है तो नियम अनुसार कार्रवाई करते हुए कब्जा हटाया जाएगा।


 

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