सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

गोद लिये बच्चों का स्वास्थ्य हुआ बेहतर

देहरादून, :: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की पहल पर पिछले साल गोद लिए गये अतिकुपोषित बच्चों का स्वास्थ्य अब बेहतर हो रहा है और छह बच्चे कुपोषण से मुक्त हो गये हैं। यह जानकारी यहां जारी एक सरकारी विज्ञप्ति में दी गई।


विज्ञप्ति के अनुसार, गोद लेने की योजना के अच्छे परिणाम मिलने लगे हैं और प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा गोद लिए गए कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है।


सितम्बर, 2019 में ‘कुपोषण मुक्ति हेतु गोद अभियान’ की शुरूआत की गई थी जिसमें मुख्यमंत्री सहित कई मंत्रियों, जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने चिन्हित अति कुपोषित बच्चों को गोद लिया था।


योजना के तहत कुपोषित बच्चों को न केवल गोद लिया गया बल्कि संबंधित जनप्रतिनिधि व अधिकारी इन बच्चों के अभिभावकों के लगातार सम्पर्क में भी रहे।


इसके सार्थक परिणाम भी मिल रहे हैं और छह बच्चे कुपोषण से मुक्त हो चुके हैं, जबकि 11 बच्चों के स्वास्थ्य मानकों में सुधार हुआ है और 207 बच्चों के वजन में वृद्धि हुई है।


इस संबंध में मुख्यमंत्री रावत ने कहा, ‘‘कुपोषित बच्चों को गोद लेकर उनकी जिम्मेदारी लेने की पहल की गई थी। इसके सुखद परिणाम मिलने लगे हैं। बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। हमारा उद्देश्य प्रदेश को कुपोषण से पूरी तरह से मुक्त करना है। लगभग सभी गोद लिए गए बच्चों के वजन में संतोषजनक वृद्धि हुई है। मुझे पूरा विश्वास है कि सभी गोद लिए बच्चे कुपोषण से मुक्त होंगे।’’ 


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...