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दिल्ली हिंसा : अमेरिका ने भारत से शांतिपूर्ण सभा के अधिकार के सम्मान की अपील की

वाशिंगटन, :: अमेरिका ने भारत से शांतिपूर्ण तरीके से एकत्र होने के लोगों के अधिकार के “संरक्षण एवं सम्मान” की अपील की और उन लोगों को जिम्मेदार ठहराने को कहा जो संशोधित नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में हुई हिंसा को भड़काने में शामिल हैं।


ये टिप्पणियां ऐसे वक्त में आईं हैं जब दिल्ली इस हफ्ते तीन दशक में सबसे भयानक दंगों से प्रभावित रही। इस हिंसा में 39 लोगों की मौत हो गई और 200 अन्य घायल हो गए। उत्तरपूर्व दिल्ली में सांप्रदायिक झड़पें संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर शुरू हुईं थी जिसने बाद में दंगों का रूप ले लिया।
भारत की संसद ने पिछले साल सीएए पारित किया था जिसके बाद देश भर में कई प्रदर्शन हुए।
भारत सरकार इस बात पर जोर देती रही है कि नया कानून किसी की नागरिकता छीनेगा नहीं बल्कि पड़ोसी देशों के प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को बचाएगा और उन्हें नागरिकता देगा।
विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “हम हालिया हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं और अधिकारियों से शांतिपूर्ण सभा करने के अधिकार के संरक्षण एवं बचाव की अपील करते हैं तथा हिंसा भड़काने वालों को जिम्मेदार ठहराने को कहते हैं। हम सभी पक्षों का शांति कायम रखने और हिंसा न करने का आह्वान करते हैं।”
अधिकारी ने एक सवाल के जवाब में कहा, “हमने इन मुद्दों को उच्चतम स्तर पर उठाया है और धार्मिक स्वतंत्रता से जुड़े मुद्दों पर भारत सरकार से बातचीत जारी रखेंगे।”
धार्मिक स्वतंत्रता का सम्मान एवं कानून के तहत समानता इन दो लोकतंत्रों के मौलिक सिद्धांत हैं, इस बात को रेखांकित करते हुए अधिकारी ने कहा, “हमने शांति बनाए रखने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर और आगे हिंसा रोकने तथा सामान्य स्थिति बहाल करने की भारत सरकार की प्रतिज्ञा पर गौर किया है।”
मोदी ने 26 फरवरी को दिल्ली में शांति की अपील की थी।


उन्होंने ट्वीट किया, “शांति एवं सौहार्द हमारे स्वभाव के केंद्र में है। मैं दिल्ली के मेरे भाई-बहनों से हर वक्त शांति एवं भाईचारा कायम रखने की अपील करता हूं। यह जरूरी है कि शांति एवं सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो।”
डेमोक्रेट सांसद कोलिन आलरेड ने कहा कि कोई भी लोकतंत्र तभी मजबूत बनता है जब वह समावेशी हो और अल्पसंख्यकों के अधिकारों का सम्मान करता हो।
ऑलरेड ने कहा, “भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यह हिंसा और मुस्लिमों की नागरिक स्वतंत्रता का दमन भारतीय मूल्यों को कमतर करता है और बड़े पैमाने पर संघर्ष का जोखिम पैदा करता है।”
डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता बॉब मेनेंडेज ने इस हिंसा को चौंकाने वाला बताया और भारत दौरे के वक्त हिंसा को लेकर “सार्वजनिक स्तर पर चिंता जाहिर नहीं करने” को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आलोचना भी की।


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