सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भारतीयों ने महत्वपूर्ण न्यायिक निर्णयों का खुले दिल से स्वागत किया: मोदी

नयी दिल्ली, ::  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि 1.3 अरब भारतीयों ने तमाम आशंकाओं को दरकिनार कर अदालतों के हालिया मुश्किल फैसलों का खुले दिल से स्वागत किया है, जिसकी दुनियाभर में चर्चा हो रही है।


प्रधानमंत्री ने उच्चतम न्यायालय में 'न्यायपालिका और बदलती दुनिया' विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय न्यायपालिका सम्मेलन 2020 के उद्घाटन समारोह में अदालतों के हालिया मुश्किल फैसलों का जिक्र किया। उनका इशारा राजनीतिक रूप से संवेदनशील अयोध्या मामले पर आए ऐतिहासिक फैसले की ओर था।


प्रधानमंत्री ने लैंगिग न्याय के संदर्भ में ट्रांसजेंडरों को लेकर कानून, ‘तीन तलाक’ और दिव्यांगों के अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि दुनिया का कोई भी देश या समाज इसके बिना समग्र विकास को प्राप्त करने का दावा नहीं कर सकता।


प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने सैन्य सेवाओं में महिलाओं को अधिकार देने और महिलाओं को 26 सप्ताह तक मातृत्व अवकाश प्रदान करने के लिए भी कदम उठाए हैं।


उन्होंने विकास और पारिस्थितिक सुरक्षा के बीच संतुलन बनाने के लिए पर्यावरण न्यायशास्त्र को पुनर्परिभाषित करने में भारतीय न्यायपालिका की प्रशंसा की।


मोदी ने प्रौद्योगिकी और इंटरनेट के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि यह अदालतों के प्रक्रियात्मक प्रबंधन में मदद करेगा और न्याय प्रणाली को काफी हद तक लाभान्वित करेगा।


उन्होंने मानव बुद्धि के साथ कृत्रिम बुद्धिमत्ता के मेल का भी उल्लेख किया और कहा कि यह "न्याय दिलाने की प्रक्रिया में तेजी लाएगा।'


मोदी ने कहा, 'इसके अलावा, बदलते समय के साथ डेटा संरक्षण, साइबर-अपराध न्यायपालिका के सामने नयी चुनौतियां पेश कर रहे हैं।'


उन्होंने कहा, 'हाल ही में दिये गए कुछ महत्वपूर्ण अदालती फैसले वैश्विक चर्चा का विषय रहे हैं। यह फैसले आने से पहले इनके परिणामों को लेकर चिताएं व्यक्त की जा रही थीं। लेकिन देखिये क्या हुआ! 1.3 अरब भारतीयों ने उन अदालती फैसलों का खुले दिन से स्वागत किया।'


प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के योगदान पर बात करते हुए कहा, 'गांधीजी का जीवन सत्य और सेवा के लिए समर्पित था, जो कि न्याय की किसी भी व्यवस्था के लिए मूलभूत सिद्धांत हैं और जैसा कि आप सभी जानते हैं, वह स्वयं एक बैरिस्टर थे और वकीलों की बिरादरी के थे।"


उन्होंने जीवंत न्यायपालिका, विधायिका और कार्यपालिका को सलाम करते हुए कहा, 'संविधान के इन तीन स्तंभों ने एक-दूसरे के अधिकार क्षेत्र और गरिमा का सम्मान करते हुए, कई मौकों पर देश के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान किया है।'


प्रधानमंत्री ने कहा, 'हमें भारत में ऐसी समृद्ध परंपरा के विकसित होने पर गर्व है। पिछले पांच वर्षों में, भारत के विभिन्न संस्थानों ने इस परंपरा को और मजबूत किया है।"


उन्होंने 1,500 पुरातन कानूनों को निरस्त करने के केंद्र के प्रयास का जिक्र करते हुए कहा, "न सिर्फ अप्रासंगिक कानूनों को खत्म करने, बल्कि सामाजिक तानेबाने को मजबूत करने के उद्देश्य से नए विधानों को लागू करने की गति भी बढ़ गई है।


मोदी ने कहा कि भारतीय संविधान समानता के अधिकार के प्रावधानों के तहत लैंगिक न्याय की गारंटी देता है।


उन्होंने कहा, "भारत उन कुछ देशों में से एक है जिसने स्वतंत्रता के बाद से महिलाओं का मताधिकार सुनिश्चित किया है।"


उन्होंने अपनी सरकार के महत्वाकांक्षी 'बेटी बचाओ बेटी पढा़ओ' कार्यक्रम का भी जिक्र किया।


उन्होंने कहा, "इसी तरह, सरकार ने कई बदलाव किए हैं, चाहे वह सैन्य सेवा में महिलाओं की नियुक्ति हो या लड़ाकू पायलटों की चयन प्रक्रिया या रात में खदानों में काम करने की उनकी स्वतंत्रता के बारे में हो।"


इस मौके पर भारत के प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे ने कहा कि भारत विभिन्न संस्कृतियों का समागम है, जिसमें मुगलों, डच, पुर्तगालियों और अंग्रेजों की संस्कृतियां समाहित हैं।


बोबडे ने कहा, 'संविधान ने एक मजबूत तथा स्वतंत्र न्यायपालिका का सृजन किया है और हमने इस मूलभूत विशेषता को अक्षुण्ण रखने का प्रयास किया है।'


इससे पहले केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने उच्चतम न्यायालय के फैसलों का जिक्र करते हुए कहा कि आतंकवादियों और भ्रष्ट लोगों के लिये 'निजता का कोई अधिकार नहीं' है और ऐसे लोगों को व्यवस्था का दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिये।


प्रसाद ने कहा कि शासन की जिम्मेदारी निर्वाचित प्रतिनिधियों और निर्णय सुनाने का काम न्यायाधीशों पर पर छोड़ देना चाहिये।


कानून मंत्री ने कहा कि लोकलुभावनवाद को कानून के तय सिद्धांतों से ऊपर नहीं होना चाहिये।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।