सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

बरेली में शोरूम में घुसकर सर्राफ की हत्या

बरेली (उत्तर प्रदेश), :: शहर में बदमाशों ने थाना सुभाषनगर क्षेत्र के गणेश नगर में बुधवार रात को एक शोरूम में घुसकर सर्राफ की गोली मारकर हत्या कर दी और जेवर से भरी गठरी लूटकर ले गए।


बरेली के डीआईजी राजेश पांडेय ने बृहस्पतिवार को बताया, ‘‘दो बदमाशों ने सर्राफ की गोली मारकर हत्या की है। लूट के बारे में अभी जानकारी नहीं है। तफ्तीश की जा रही है। बदमाशों की घेराबंदी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं। बदायूं की पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है क्योंकि बदमाशों के बदायूं की तरफ ही भागने की आशंका जताई जा रही है।’’


डीआईजी ने बताया, ‘‘थाना सुभाषनगर के रामअवतार हलवाई वाली गली निवासी कमल किशोर वर्मा (42) सर्राफ थे। गणेश नगर में ढाई साल पहले उन्होंने कमल ज्वैलर्स के नाम से दुकान खोली थी। रोजाना की तरह वह बुधवार शाम 5:30 बजे दुकान पहुंचे और रात 10:30 बजे दुकान बंद करने की तैयारी कर रहे थे। तब तक आसपास मौजूद दो-तीन दुकानें बंद हो चुकी थीं। लोग घरों के अंदर थे। इसी दौरान गोली चलने की आवाज सुनकर सामने के घर में रहने वाले परिवार के सदस्य बाहर निकले। लहूलुहान सर्राफ तब तक दुकान से बाहर निकल आए थे। उनके चेहरे पर गोली लगी थी।’’


प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक वह बचाओ की आवाज लगाते हुए गिर पड़े। इसी दौरान लोगों की निगाह मढ़ीनाथ की तरफ भाग रहे बाइक सवार नकाबपोश युवकों पर पड़ी। सूचना पाकर सुभाषनगर पुलिस मौके पर पहुंची और गंभीर रूप से घायल सर्राफ को अस्पताल लेकर गई, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।


सर्राफ की हत्या की सूचना पर डीआईजी राजेश पांडेय, एसएसपी शैलेश पांडेय, एसपी क्राइम रमेश भारतीय समेत कई अधिकारी वहां पहुंचे। पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरे के फुटेज जांचे जिसमें दो बदमाश सर्राफ को गोली मारकर भागते दिखाई दे रहे हैं। वे सर्राफ से एक गठरी भी लूटकर ले गए हैं, जिसमें जेवरात बताए जा रहे हैं।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...