लखनऊ : आनरेरी नायब सूबेदार पेंशन विवाद लगातार दस वर्षो से तनाव का विषय बना था जिसमें पेंशन निर्धारण मनमानी तरीके से सरकार द्वारा किया गया था जिस पर सेना कोर्ट चण्डीगढ़ ने होशियार सिंह बनाम भारत सरकार आदि मामले में सरकार द्वारा बनाई गई पेंशन टेबल 8 मार्च 2010 और 17 जनवरी 2013 को दरकिनार कर दिया था और भारत सरकार को आदेशित किया था कि नई पेंशन टेबिल बनाई जाय जिससे आनरेरी नायब सूबेदारों को न्याय मिल सके l जिसके क्रम में भारत सरकार ने 21 फरवरी 2020 को नई पेंशन टेबिल जारी की है जिसमें एक्स ग्रुप को रु० 9170/ और वाई ग्रुप को रु.8330/- 01 जनवरी 2006 मिलेगी जिसके लिए पीसीडीए (पेंशन) द्वारा सर्कुलर जारी करके सभी बैंकों को सूचित करेगा l
एएफटी बार एसोसिएशन के महान्त्री पंकज कुमार शुक्ता ने बताया कि भारत सरकार की पेंशन संबंधी यह पालिसी सरकार के लंबे समय बाद लिए गए सही निर्णय का प्रतीक है इसका बार स्वागत करती है बार के पूर्व महामत्री विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि अधिवक्ताओं ने लंबे समय से इस मांग को कोर्ट के बाहर और अंदर उठा रखी थी जिस पर लंबे समय बाद निर्णय लिया गया है, जो स्वतः सरकार द्वारा सभी के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा l
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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