जींद, : जिले की सदर थाना नरवाना पुलिस ने दो युवकों के खिलाफ एक युवती का अपहरण करने और उसे बंधक बनाकर उसके साथ बलात्कार करने का मामला दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार सदर थाना नरवाना इलाका निवासी एक युवती ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि मंगलवार को वह घर में अकेली थी। उसी दौरान गांव का मीनू उसके घर आया और पिता के सड़क दुर्घटना में घायल होने की सूचना दी।
शिकायत के अनुसार, पिता के घायल होने की सूचना पाकर युवती मीनू के साथ उसके कार में बैठ गई। कार में पहले से एक अन्य युवक मौजूद था। दोनों युवती को जबरन एक खेत में बने कमरे में ले गए, वहां उसे बंधक बनाया।
वहां कमरे में मीनू ने उसके साथ बलात्कार किया, जबकि दूसरा युवक कमरे के बाहर खड़ा था। बाद में वह घटना की सूचना किसी को देने पर अंजाम भुगतने की धमकी देते हुए फरार हो गया।
पुलिस ने शिकायत के आधार पर दोनों युवकों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश शुरु कर दी है।
एक अन्य घटना में सफीदों थाना पुलिस ने एक युवक के खिलाफ दूसरे युवक के साथ अप्राकृतिक यौनचार करने, उसका यौन शोषण करने और अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया है।
जुलाना थाना क्षेत्र निवासी पुलिस को दी गई शिकायत में बताया है कि वह गांव कुरड़ में मजदूरी करता है। छह जनवरी की रात गांव कुरड़ निवासी सुनील उसे खेत में ले गया और उसके साथ कुकर्म किया। विरोध करने पर उसे जातिसूचक गालियां दी और बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी गई।
पुलिस ने युवक की शिकायत पर सुनील के खिलाफ कुकर्म, एससी एसटी एक्ट समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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