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‘यूनिटेक का नया निदेशक मंडल अटकी परियोजनाओं का निर्माण कार्य बढ़ाने की करेगा पहल’

नयी दिल्ली, : जमीन जायदाद के विकास से जुड़े हीरानंदानी समूह के प्रबंध निदेशक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यूनिटेक की जिन परियोजनाओं का नेटवर्थ सकारात्मक है, उनमें काम जल्दी शुरू किया जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अटकी परियोजनाओं को पूरा करने के लिये सरकार द्वारा बनाये गये 25,000 करोड़ रुपये के कोष से मदद ली जा सकती है।


हीरानंदानी को हाल ही में यूनिटेक के लिये समाधान तलाशने को लेकर बनाये गये नये निदेशक मंडल में निदेशक बनाया गया है।


उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को रीयल्टी कंपनी यूनिटेक का प्रबंधन नियंत्रण अपने हाथ में लेने के केन्द्र सरकार के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने यूनिटेक के लिये समाधान रूपरेखा को लेकर नये निदेशक मंडल को दो महीने का समय दिया है और रिपोर्ट देने को कहा है।


हीरानंदानी के अलावा कंपनी के नये निदेशक मंडल में एनबीसीसी के पूर्व चेयरमैन और प्रबंध निदेशक ए के मित्तल, एचडीएफसी की रेणु सूद कर्नाड और एम्बैसी समूह के चेयरमैन जीतु वीरवानी शामिल हैं।


उद्योग मंडल एसोचैम और रीयल्टी कंपनियों के संगठन नारेडको के अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हीरानंदानी ने एक बयान में कहा, ‘‘उद्योग संरक्षक के रूप में मैं महत्वपूर्ण जवाबदेही को देख रहा हूं... और फंसे हुए मकान खरीदारों के मसलों के समाधान को लेकर आश्वासन देता हूं।’’


उन्होंने कहा कि जिन परियोजनाओं का नेटवर्थ सकारात्मक है, उनका आकलन किया जाएगा और समाधान को लेकर योजना न्यायालय को सौंपी जाएगी।


हीरानंदानी ने कहा, ‘‘यूनिटेक की कम-से-कम 50 से 60 प्रतिशत परियोजनाओं का नेटवर्क सकारात्मक है। इसीलिए मुझे लगता है कि इन परियोजनाओं को शुरू करने का अच्छा अवसर है। हालांकि, हम अंतरिम अवधि के लिये वित्त पोषण को लेकर एसबीआई के दबाव वाले कोष से कुछ मदद मांग सकते हैं।’’


उन्होंने कहा कि न्यायालय का कंपनी के चल रहे सभी मामलों को दो माह के लिये स्थगित रखने का फैसला अच्छी पहल है। इससे कानूनी मुद्दों पर समय देने के बजाय वास्तविक समस्या पर ध्यान देने में मदद मिलेगी। 


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