वाशिंगटन, : भारत और अमेरिका के बीच व्यापार के मोर्चे पर "काफी अच्छी प्रगति" हो रही है। दोनों देश एक-दूसरे के उत्पादों को मुक्त बाजार पहुंच या तरजीह देने के लिए एक दीर्घकालिक व्यवस्था बनाने पर गौर कर रहे हैं। अमेरिका में भारत के निवर्तमान राजदूत हर्ष वर्धन श्रृंगला ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका व्यापार में एक दूसरे की जरूरतों को पूरा कर सकते हैं। श्रृंगला इस माह के अंत में भारत के विदेश सचिव का कार्यभार संभालने वाले हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच न्यूयॉर्क में सितंबर में हुई बैठक के दौरान दोनों देश सीमित व्यापार समझौते की घोषणा करने में नाकाम रहे थे।
भारत निष्पक्ष और उचित व्यापार समझौते के पक्ष में है। वहीं अमेरिका व्यापार घाटा कम करने को लेकर जोर दे रहा है।
श्रृंगला ने कहा, "हमें खुशी है कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते पर अच्छी प्रगति हो रही है। हालांकि, वास्तव में हम उस दीर्घकालिक व्यवस्था पर विचार करे रहे हैं, जिसमें दोनों देशों के उत्पादों को एक-दूसरे के देश में मुक्त बाजार पहुंच और तरजीह मिल सके।"
उन्होंने जोर दिया कि दोनों देश व्यापार में एक दूसरे के पूरक बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि वे हमारी कंपनियों के लिये अपना दरवाजा खोल सकते हैं और जिससे हमारा व्यापार मौजूदा समय में 160 अरब से बढ़कर दोगुना हो जाएगा।
श्रृंगला ने कहा, "यह एक रणनीतिक साझेदारी है, जिसे हम अगले चार-पांच साल के चुनावी नजरिये से नहीं देख रहे हैं बल्कि यह एक दीर्घकालिक संबंध है, जिसे हमें दोनों देशों के आपसी लाभ के नजरिये से देखना चाहिए।"
यूएस चैंबर्स ऑफ कॉमर्स और अमेरिका भारत बिजनेस काउंसिल ने श्रृंगला के सम्मान में विदाई भोज का आयोजन किया। श्रृंगला ने कहा, "हमें एक नीतिगत ढांचे और सुविधा के तरीकों पर गौर करना चाहिए जो कि आर्थिक मोर्चे पर दोनों देशों की साझेदारी और संबंधों को सुरक्षित रखेगा। यह दीर्घकालिक रूप से मजबूत होनी चाहिए।"
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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