गुवाहाटी, : वरिष्ठ पत्रकार बाबुल बरुआ का लंबी बीमारी के बाद शनिवार को निधन हो गया। वह 80 वर्ष के थे। वह लगभग 40 वर्षों तक देश की प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी पीटीआई से जुड़े हुए थे।
बरुआ 1966 में पीटीआई के गुवाहाटी ब्यूरो में नियुक्त हुए थे। उसके बाद उन्हें एजेंसी के अरुणाचल प्रदेश कार्यालय की स्थापना के लिए इटानगर स्थानांतरित कर दिया गया था।
उन्होंने 80 के दशक के दौरान कोलकाता में पीटीआई के पूर्वी क्षेत्र मुख्यालय में अपनी सेवा दी। उसके बाद उन्हें मिजोरम के आइजोल में तैनात किया गया, जब राज्य उग्रवाद का सामना कर रहा था।
बरुआ ने पीटीआई के सिलचर कार्यालय में भी सेवा दी। वह 2002 में वह शिलांग में सेवानिवृत हुए।
वह पिछले कुछ वर्षों से गुर्दे से जुड़े रोग और हृदय संबंधी रोग से ग्रसित थे। वह पुणे में अपने बेटे के साथ रहते थे, जहां शनिवार को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और दो बेटियां हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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