सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू 21 जनवरी को नेल्लोर में शास्त्रीय तेलुगु अध्ययन के लिए नए विशिष्टता केंद्र का उद्घाटन करेंगे

उपराष्ट्रपति  एम. वेंकैया नायडू 21 जनवरी, 2020 को नेल्लोर में केंद्रीय मानव  संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक की उपस्थिति में शास्त्रीय तेलुगु केंद्र का उद्घाटन करेंगे। शास्त्रीय तेलुगु अध्ययन विशिष्टता केंद्र (सीईएससीटी), केंद्रीय भारतीय भाषा संस्थान (सीआईआईएल), मैसूर के तहत है। इसे आन्ध्र प्रदेश के नेल्लोर में विस्थापित किया गया है,  जो पहले मैसूर से अपना क्रियाकलाप चलाता था। केंद्र के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आन्ध्र प्रदेश के राज्यपाल तथा आन्ध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों को आमंत्रित किया गया है। नेल्लोर में इस केंद्र की स्थापना होने से अनुसंधानों, सेमीनारों, परिचर्चाओं तथा विभिन्न क्रियाकलापों के जरिये समृद्ध शास्त्रीय तेलुगु के विकास की गतिविधियों को बल मिलेगा।


 केंद्र की ओर से 20 जनवरी, 2020 को शास्त्रीय तेलुगु के विशेषज्ञों की एक दिन की सामूहिक परिचर्चा भी आयोजित की जा रही है, जिसमें आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना तथा देश के अन्य हिस्सों से आए शास्त्रीय तेलुगु के विशेषज्ञों को कार्यक्रम के लिए तथा परिचर्चा में भागीदारी के लिए भी आमंत्रित किया गया है। कार्यक्रम के दौरान शास्त्रीय तेलुगु से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के साथ-साथ शास्त्रीय तेलुगु के संरक्षण, प्रसार एवं संवर्धन पर एक दिशा-निर्देश तैयार करने के बारे में भी प्रस्ताव किया गया है, ताकि इस भाषा की समृद्धि को अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सके। उपराष्ट्रपति विचार-विमर्श के समापन सत्र में भी भाग लेंगे तथा विशेषज्ञों द्वारा चर्चा के मुद्दों पर अपने बहुमूल्य विचार भी प्रस्तुत करेंगे।


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...