नयी दिल्ली, : पुरानी दिल्ली के दरियागंज इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा मामले में गिरफ्तार भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने सोमवार को जमानत के लिए दिल्ली की अदालत में याचिका में दायर की।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके खिलाफ अस्पष्ट आरोप लगाया है और गिरफ्तारी के लिए निर्धारित प्रक्रिया का अनुपालन नहीं किया।
अदालत आजाद की जमानत याचिका पर मंगलवार को सुनवाई करेगी।
मौजूदा समय में न्यायिक हिरासत में मौजूद आजाद ने दावा किया कि प्राथमिकी में उनके खिलाफ आरोप लगाए गए हैं जो न केवल ‘‘ आधारहीन’’ हैं बल्कि ‘‘विचित्र’’ भी हैं।
आजाद की जमानत याचिका वकील महमूद प्राचा के जरिये दाखिल की गई। इसमें कहा गया है कि प्राथमिकी में आजाद की विशेष भूमिका की जानकारी नहीं है और उसकी सामग्री ‘‘ अनिश्चित’’ और ‘‘अटकलों’’ एवं ‘‘संदेह’’ पर आधारित है, जबकि वह शांति कायम रखने की कोशिश कर रहे थे।
आजाद के संगठन ने 20 दिसंबर को पुलिस की अनुमति के बिना सीएए के खिलाफ जामा मस्जिद से जंतर मंतर तक मार्च का आयोजन किया था। इस मामले में गिरफ्तार अन्य 15 लोगों को अदालत ने नौ जनवरी को जमानत दे दी थी।
भीम आर्मी प्रमुख ने अपनी याचिका में कहा कि वह मामले की जांच में पूरा सहयोग करने को इच्छुक हैं और वह किसी सबूत से छेड़छाड़ नहीं करेंगे और न ही किसी गवाह को प्रभावित करेंगे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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