लखनऊ,: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्षअजय कुमार लल्लू ने आज राजधानी लखनऊ में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा देश और संविधान की धज्जियां उड़ाये जाने की कड़ी निन्दा करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार एक तरफ जहां लखनऊ के घण्टाघर पर शांतिपूर्ण ढंग से महिलाओं द्वारा किये जा रहे असंवैधानिक सीएए-एनआरसी के विरोध को गैर कानूनी बताते हुए विभिन्न संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर रही है। हालात इस तरह के हैं कि लखनऊ में प्रदर्शन रोकने के लिए भाजपा पुलिस के दम पर शौचालय तक बंद करवा रही है। इससे ज्यादा शर्मनाक और क्या हो सकता है?
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय कुमार लल्लू जी ने सवाल करते हुए कहा कि जब लखनऊ में शातिपूर्ण तरीके से लोग अपना विरोध करते हैं तो योगी आदित्यनाथ की पुलिस धारा 144 का हवाला देती है। आज अमित शाह के खिलाफ उत्तर प्रदेश की पुलिस किस थाने में मुकदमा करेगी यह सूबे की जनता जानना चाहती है। क्या कानून सिर्फ आम जनता के लिए है? क्या देश के गृहमंत्री कानून के दायरे में नहीं आते हैं?
अजय कुमार लल्लू जी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह मानना है कि सीएए जैसा कानून भारत के संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ है। यह भारत के संविधान की संघी विधान में तब्दील करने की साजिश है। कांग्रेस पार्टी किसी भी कीमत पर भारत के संविधान की आत्मा को मरने नहीं देगी। उन्होने कहा कि यह नागपुरिया एजेंडा है साझी शहादत और साझी विरासत वाली हमारी संस्कृति और पंथ निरपेक्ष संविधान के खिलाफ इस कानून को देश की जनता स्वीकार नहीं करेगी।
उन्होने कहा कि अमित शाह को पता होना चाहिए कि देश कभी अहंकार की भाषा से नहीं चला है और न ही चलेगा। हमारी संस्कृति सबकी आवाज को सुनने और बोलने वाली है। तानाशाही भाषा का जवाब जनता सड़कों से दे रही है लेकिन अहंकारी सरकार को न दिखाई दे रहा है और न ही सुनाई पड़ रहा है। देश की जनता संविधान की आत्मा बचाने के लिए सड़कों पर है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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