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सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं: डॉ. जितेन्द्र सिंह

केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री, डॉ जितेंद्र सिंह ने  नागरिक शिकायत निवारण पर फेसबुक लाइव सेशन में भाग लेते हुए कहा, “सरकार के पास छुपाने को कुछ नहीं है।” उन्होंने कहा, “फेसबुक पर माई गोव लाइव प्लेटफार्म की शुरूआत के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन मिशन की दिशा में ई-गवर्नेंस साधनों के विकास के जरिए महान प्रगति हासिल की गई है। सरकार का लक्ष्य अंतिम कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है। इससे अधिकतम पहुंच प्राप्त करने, शासन में पारदर्शिता लाने और नागरिकों के साथ सीधे संवाद करने में मदद मिलेगी।”


एक घंटे के कार्यक्रम के दौरान प्रश्नों के ऑनलाइन उत्तर देते हुए डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भरोसा दिलाया कि केन्द्रीकृत सार्वजनिक शिकायत निवारण एवं निरीक्षण प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) पोर्टल में भारतीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने में नागरिकों की सहायता करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और इस प्रक्रिया में तेजी लायी जाएगी। उन्होंने कहा, “अनेक राज्यों ने पहले ही सीपीजीआरएएमएस मॉडल का अनुसरण कर लिया है और कुछ राज्यों में अपनी क्षेत्रीय भाषाओं में शिकायत दर्ज कराने के प्रावधान हैं।”


डॉ. सिंह ने कहा कि हाल ही में बनाए गए संघशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में संघ शासित प्रदेश शिकायत निवारण प्रकोष्ठ ‘आवाज-ए आम’ के आरम्भ के साथ लम्बी छलांग लगाई गई है और इसे जल्द ही सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के साथ जोड़ दिया जाएगा।


लाइव प्रोग्राम के दौरान 8,000 से अधिक दर्शकों के साथ बातचीत करते हुए, डॉ जितेन्द्र सिंह ने नागरिकों को प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत (डीएआरपीजी) विभाग द्वारा संचालित नागरिक शिकायत निवारण के लिए डेटा-चालित नवाचार पर प्रथम ऑनलाइन हैकथॉन में अपनी प्रविष्टियां प्रस्तुत करने की अपील की। पिछले साल 5 नवंबर को एक डीएआरपीजी कार्यशाला में हैकथॉन को लाइव किया गया था और इसमें 1,329 पंजीकृत टीमों द्वारा 53 से अधिक प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए। लोगों की मांग पर हैकाथॉन की अवधि दो दिन तक बढ़ाई गई। डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा, "प्रतिक्रिया अद्भुत रही है और मैंने जेनएक्स से अपील की है कि वह सार्वजनिक शिकायत तंत्र में सुधार लाने के लिए नवाचारी ऐप्स को डिजाइन करने के लिए कृत्रिम आसूचना के संबंध में अपने विचारों को सामने लाए।"


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