लखनऊ, : समाजवादी पार्टी ने शुक्रवार को अपने कार्यकर्ताओं को दीपिका पादुकोण अभिनीत फिल्म ‘छपाक’ एक स्थानीय सिनेमाघर में दिखाई।
सपा कार्यकर्ताओं के साथ फिल्म देखने पहुंचे पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने बताया कि लगभग 500 पार्टी कार्यकर्ताओं ने फिल्म को देखा, जिसमें महिलाएं भी शामिल थीं । फिल्म के लिए एक सिनेमा हॉल को बुक किया गया था।
चौधरी ने कहा कि पार्टी का मानना है की फिल्म में उठाए गए मुद्दे सामाजिक संवेदनशीलता से जुड़े हुए हैं और उन्हें उसी रूप में लिया जाना चाहिए। यह बहुत ही भावनात्मक मुद्दा है और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए एसिड अटैक की शिकार युवतियों के पुनर्वास के लिए कदम उठाए थे ।
प्रवक्ता ने कहा कि यादव का मानना है कि महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए उन्हें घर सड़क और कार्यस्थल पर तिहरी सुरक्षा की आवश्यकता है । जो लोग ट्रिपल तलाक के जरिए महिला सम्मान को जोड़ते हैं, वे केवल जनता की भावनाओं से खेल रहे हैं।
चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार में महिलाओं के खिलाफ अपराध चरम पर है। ‘छपाक’ को सिर्फ इसलिए विवाद में नहीं डालना चाहिए और ना ही इसे राजनीतिक मायने देने चाहिए क्योंकि इसकी नायिका जेएनयू चली गई थीं, जहां छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
फिल्म शुक्रवार को रिलीज हुई और यह एसिड अटैक की शिकार युवतियों के संघर्ष पर आधारित है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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