नयी दिल्ली, : प्याज और आलू जैसी सब्जियां महंगी होने से दिसंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 2.59 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
नवंबर में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.58 प्रतिशत पर थी। दिसंबर, 2018 में यह 3.46 प्रतिशत के स्तर पर थी।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के आर्थिक सलाहकार कार्यालय की ओर से मंगलवार को जारी आंकड़ों के अनुसार अभी तक वित्त वर्ष में थोक मुद्रास्फीति औसतन 2.42 प्रतिशत तक चढ़ी है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में संकलित मुद्रास्फीति 2.92 प्रतिशत थी।
दिसंबर में खाद्य वस्तुओं के दाम 13.12 प्रतिशत बढ़े। एक महीने पहले यानी नवंबर में इनमें 11 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई थी।
इसी तरह गैर खाद्य उत्पादों के दाम चार गुना होकर 7.72 प्रतिशत पर पहुंच गए। नवंबर में गैर खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 1.93 प्रतिशत थी।
आंकड़ों के अनुसार, खाद्य वस्तुओं में माह के दौरान सब्जियां सबसे अधिक 69.69 प्रतिशत महंगी हुईं। इसकी मुख्य वजह प्याज है जिसकी मुद्रास्फीति माह के दौरान 455.83 प्रतिशत बढ़ी। इस दौरान आलू के दाम 44.97 प्रतिशत चढ़ गए।
प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी बारिश से फसल बर्बाद होने की वजह से हाल तक विभिन्न बाजारों में प्याज 100 रुपये प्रति किलो से अधिक के भाव पर बिक रहा था। नयी फसल की आवक और आयात के बाद अब प्याज कीमतें नीचे आ रही हैं।
इससे पहले सोमवार को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में बढ़कर 7.35 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इसका पांच साल का उच्चस्तर है।
मुद्रास्फीति में आए जोरदार उछाल के बाद अब रिजर्व बैंक द्वारा फरवरी की मौद्रिक समीक्षा में नीतिगत दरों में कटौती की गुंजाइश नहीं रह गई है।
विशेषज्ञों का मानना है कि खाद्य उत्पाद विशेषरूप से सब्जियां महंगी होने से उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति अगले महीने और चढ़ सकती है।
एसबीआई इकनॉमिक रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि जनवरी में मुद्रास्फीति आठ प्रतिशत के पार जाएगी और उसके बाद नीचे आना शुरू होगी। इस वजह से रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति के परिदृश्य को नए सिरे से देखेगा। हालांकि हमारा मानना है कि केंद्रीय बैंक के रुख में बदलाव की जरूरत नहीं है क्योंकि विवेकाधीन उपभोग काफी सुस्त है।
दिसंबर में विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 0.25 प्रतिशत घटी है। ईंधन और बिजली की श्रेणी में भी मुद्रास्फीति 1.46 प्रतिशत कम हुई है। इससे पिछले महीने यह शून्य से 7.32 प्रतिशत नीचे थी।
प्राथमिक उत्पादों की मुद्रास्फीति समीक्षाधीन महीने में बढ़कर 11.46 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो इससे एक माह पहले 7.68 प्रतिशत थी। थोक मूल्य सूचकांक में प्राथमिक उत्पादों का भारांश 22.62 प्रतिशत है।
इक्रा की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि विनिर्मित खाद्य उत्पादों की मुद्रास्फीति में दिसंबर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसकी प्रमुख वजह विभिन्न खाद्य तेलों और वसा तथा डेयरी उत्पादों के दाम बढ़ना है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ