होबार्ट,: भारतीय टेनिस स्टार सानिया मिर्जा यूक्रेन की नादिया किचेनोक के साथ होबार्ट इंटरनेशनल महिला युगल फाइनल में पहुंच गई ।
सानिया और किचेनोक ने स्लोवेनिया की तमारा जिदांसेक और चेक गणराज्य की मारि बूजकोवा को एक घंटे 24 मिनट तक चले सेमीफाइनल में 7 . 6, 6 . 2 से मात दी ।
सानिया और किचेनोक की पांचवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी दूसरी वरीयता प्राप्त चीन की शुआइ पेंग और शुआइ झांग से खेलेगी । चीनी जोड़ी को वाकओवर मिला जब बेल्जियम की कर्स्टन फ्लिपकेंस और एलिसन वान ने चोट के कारण सेमीफाइनल मुकाबला छोड़ दिया ।
सानिया और उनकी जोड़ीदार को पहले सेट में काफी संघर्ष करना पड़ा लेकिन दूसरा सेट आसान रहा ।
पहले सेट में मुकाबला बराबरी का था और स्कोर 6 . 6 रहने पर टाइब्रेकर तक खिंचा । टाइब्रेकर में सानिया और किचेनोक ने जीत दर्ज की ।
दूसरे सेट में सानिया और किचेनोक ने विरोधी की सर्विस तीन बार तोड़कर आसानी से जीत दर्ज की।
उन दोनों ने 11 में से चार ब्रेक प्वाइंट भुनाये जबकि विरोधी टीम पांच में से दो ही तब्दील कर सकी ।
सानिया मां बनने के बाद दो साल टेनिस से दूर थी । पाकिस्तानी क्रिकेटर शोएब मलिक से निकाह करने वाली सानिया ने 2018 में इजहान को जन्म दिया । उसने अक्टूबर 2017 में आखिरी टूर्नामेंट खेला था ।
भारतीय टेनिस को नयी बुलंदियों तक ले जाने वाली सानिया युगल में नंबर एक रह चुकी है और छह बार की ग्रैंडस्लैम विजेता है । उन्होंने 2013 में एकल टेनिस खेलना छोड़ दिया था । वह 2007 में डब्ल्यूटीए एकल रैंकिंग में 27वें स्थान तक पहुंची थी ।
अपने कैरियर में वह लगातार कलाई और घुटने की चोट से जूझती रही है ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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