रेलवे सुरक्षा बल ने अपनी कार्यप्रणाली में सुधार के लिए कई प्रशासनिक बदलाव किए

भारतीय रेल के रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने 2019 में प्रशासनिक सुधार की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। आरपीएफ की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए निम्नलिखित प्रमुख बदलाव किए गए हैं-


· रेलवे सुरक्षा बल के ग्रुप ‘ए’ के अधिकारी संवर्ग के लिए संगठित ग्रुप ‘ए’ दर्जा (ओजीएएस) प्रदान करने के बाद, रेल मंत्रालय ने पत्रांक 2013/ई (जीआर)1/36/10 (भाग-1) दिनांक 30/12/2019 के जरिए उपर्युक्त ग्रुप ‘ए’ संवर्ग का नाम भारतीय रेल सुरक्षा बल सेवा (आईआरपीएफएस) के रूप में अधिसूचित किया है। आरपीएफ के ग्रुप ‘ए’ राजपत्रित संवर्ग के आईआरपीएफएस के रूप में नामकरण से, किसी भी रूप में, बल (आरपीएफ) का नाम नहीं बदलेगा। संघ के सांविधिक सशस्त्र बल के रूप में आरपीएफ (संशोधन) अधिनियम, 1985 (संसद के एक अधिनियम) के तहत गठित बल की प्रकृति में कोई बदलाव नहीं होगा।


· प्रथम एमएसीपी/द्वितीय एमएसीपी का लाभ प्राप्त करने वाले सिपाही अपनी वर्दी के दाई ओर ऊपरी बांह पर क्रमशः रिबन (V) एक स्ट्रिप/दो स्ट्रिप धारण करेंगे। इससे आरपीएफ के उन कार्मिकों का मनोबल बढ़ेगा, जो काफी समय से सिपाही के दर्जे में कायम हैं और हेड कॉन्सटेबल के दर्जे में अपनी पदोन्नति की प्रतीक्षा किए बिना अपनी वर्दी में अतिरिक्त स्ट्रिप धारण कर सकेंगे।


· आरपीएफ के सभी मार्गनिर्देशों को निरस्त करते हुए इस बल की कार्यप्रणाली के नियमों और मार्गनिर्देशों को स्थापना संहिता और अपराध संहिता के रूप में तैयार किया गया है। आरपीएफ के सभी कार्मिकों की पहुंच में आसानी को ध्यान में रखते हुए, आरपीएफ के वेब पेज में इन संहिताओं की सॉफ्ट प्रतियां रखी गई हैं। इससे आरपीएफ की कार्यप्रणाली सुसंगत होगी।


· वामपंथी उपद्रवियों, आतंकवादी/विध्वंसक तत्वों से रेलवे प्रणाली के लिए बढ़ती चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए, रेलवे सुरक्षा बल के बेहतर प्रशिक्षण और रेलवे सुरक्षा के प्रति बढ़ते संकट का सामना करने के लिए समुचित तैयारी करना आवश्यक है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए, 14 अगस्त, 2019 को रेल और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने सीओआरएएस (कमांडोज फॉर रेलवे सिक्योरिटी) के रूप में एक अलग कमांडो यूनिट स्थापित करने की घोषणा की थी।


सीओआरएएस का दृष्टिकोण, रेलवे के क्षेत्र में नुकसान, व्यवधान, रेलगाड़ी के संचालन में बाधा, हमला/बंधक/अपहरण/आपदा की स्थिति का विशेष तौर पर मुकाबला करने के लिए विश्व स्तरीय क्षमता विकसित करना है। आरपीएफ कमांडो के प्रशिक्षण में शारीरिक सहनशीलता, बिना हथियार के मुकाबला करने का प्रशिक्षण, अत्याधुनिक हथियारों का प्रशिक्षण, आपदा प्रबंधन, आतंकवाद विरोधी कार्रवाई आदि शामिल हैं। रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा, रेलगाड़ियों और रेलवे के अत्यधिक जोखिम वाले क्षेत्रों की सुरक्षा करने में आरपीएफ कमांडो का इस्तेमाल किया जाता है।


· रेल सुरक्षा कल्याण निधि से आरपीएफ के कार्मिकों के लिए उपलब्ध लाभों में 2019 के दौरान महत्वपूर्ण वृद्धि की गई थी। कर्तव्य के निष्पादन के दौरान मृत्यु होने के मामले में, अनुदान राशि को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 15 लाख रुपये किया गया था। विपत्ति सहायता राशि को भी दोगुना करते हुए खुद के इलाज के लिए धनराशि को 4 लाख रुपये और परिजनों के इलाज के लिए धनराशि को 2 लाख रुपये किया गया था। मेधाविता छात्रवृत्तियों की संख्या को 1200 से बढ़ाकर 1500 किया गया था। साथ ही, पॉलीटेक्निक तथा स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए अधिक छात्रवृत्ति शुरू की गई थी।


· राजपत्रित अधिकारियों के लिए पदोन्नतिः पिछले चार वर्षों की रिक्तियों के क्रम में, एएससी के नियमित किए जाने से जुड़े काफी पुराने मामलों का 2019 में समाधान किया गया था। इसके अलावा, कुल 95 अधिकारियों यानी 44, 41, 3, 4 और 3 अधिकारियों को 2019 के दौरान क्रमशः एएससी, डीएससी, सीनियर डीएससी, डीआईजी और आईजी में पदोन्नत किया गया।


· गैर-राजपत्रित दर्जे में पदोन्नतिः 2019 के दौरान, 364 उप-निरीक्षकों को निरीक्षकों के दर्जे में और 2303 सिपाहियों को हेड कॉन्सटेबल के दर्जे में पदोन्नत किया गया था। सहायक उप-निरीक्षकों के दर्जे से उप-निरीक्षकों के 388 पदों के चयन का कार्य फिलहाल प्रगति पर है और हेड कॉन्सटेबल के दर्जे से सहायक निरीक्षक की पदोन्नति की प्रक्रिया पर भी जोर दिया जा रहा है।  


· आरपीएफ में  उप-निरीक्षकों के पद पर भर्ती के लिए कुल 1121 उम्मीदवारों (पुरुष 823 और महिला 298) को पैनलबद्ध किया गया था, जिसमें से 929 (पुरुष 682, महिला 247) उप-निरीक्षक कैडेटों का प्रशिक्षण शुरू कर दिया गया है। इसी प्रकार आरपीएफ में कॉन्सटेबल के रूप में भर्ती के लिए 8543 उम्मीदवारों (पुरुष 4465 और महिला 4078) को पैनलबद्ध किया गया था, जिसमें से 5850 (पुरुष 3350 और महिला 2500) भर्ती किए गए। कॉन्सटेबल का प्रशिक्षण शुरू किया गया है। बल में 798 कॉन्सटेबल (एन्सीलरी) और 246 कॉन्सटेबल (बैंड) की भर्ती का काम प्रगति पर हैं।


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