लखनऊ, : लखनऊ की एक अदालत ने मंगलवार को रंगकर्मी दीपक कबीर को जमानत दे दी। उन्हें नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान राजधानी लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था।
अपर सत्र न्यायाधीश एस एस पाण्डेय की अदालत ने दीपक को निर्देश दिया कि वह पचास हजार रूपये की जमानत राशि और इतनी ही राशि का निजी मुचलका जमा करायें।
जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि इस बात का फिलहाल कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं है कि दीपक आगजनी और हिंसा में शामिल था।
अदालत इसी प्रकरण में सामाजिक कार्यकर्ता सदफ जफर को पहले ही जमानत दे चुकी है।
प्रदेश भर में प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में लोग गिरफ्तार किये गये थे, जिनमें सदफ और दीपक शामिल थे। उन्हें लखनऊ जेल में रखा गया था।
दीपक लखनऊ कलेक्टिव और दस्तक मंच के संस्थापक हैं और लखनऊ में हर साल कबीर महोत्सव कराते हैं।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ