सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राष्ट्रपति ने कावारत्ती में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने संघ शासित प्रदेश लक्षद्वीप की पहली सरकारी यात्रा में लक्षद्वीप पहुंचे।


कावारत्ती में राष्ट्रपति की अगवानी लक्षद्वीप के प्रशासक श्री दिनेश्वर शर्मा ने अन्य लोगों के साथ की। राष्ट्रपति को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और कावारत्ती में परंपरागत तरीके से उनका स्वागत किया गया।


राष्ट्रपति इसके बाद एक सार्वजनिक समारोह में शामिल हुए, जहां उन्होंने एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखी।


उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि यह एक विशेष स्थान है, जहां अद्वितीय प्राकृतिक सौंदर्य है। हालांकि लक्षद्वीप के साफ नीले पानी में न केवल प्रकृति का जादू दिखाई देता है, बल्कि इसमें द्वीप में रहने वाले सभी लोगों के विवेक और पर्यावरण के प्रति उनकी चिंता और प्रेम की झलक दिखाई देती है। लक्षद्वीप में पानी के नीचे पर्यावरण प्रणाली, शानदार लैगून, मूंगे की चट्टानें, गर्म पानी और उसके लोग मंत्रमुग्ध कर देते हैं।


उन्होंने कहा कि यहां कुछ विशेष चुनौतियों के साथ रहना पड़ता है, जैसे- मुख्य भूमि और द्वीप के साथ संपर्क बरकरार रखना, मॉनसून के दौरान मौसम की कठिन स्थितियां आदि, लेकिन कोई भी स्थिति लक्षद्वीप को आगे बढ़ने और प्रगति करने से नहीं रोक पाई है।


राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें यहां कावारत्ती में सुपर स्पेशलिटी अस्पताल की आधारशिला रखकर  बेहद खुशी हुई है। उन्होंने कहा कि यह अस्पताल कावारत्ती में रहने वाले लोगों के साथ-साथ अन्य द्वीपों में रह रहे लोगों की स्वास्थ्य संबंधी अनेक समस्याओं का समाधान करेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि जब यह अस्पताल शुरू हो जाएगा और पूरी तरह काम करने लगेगा तो मरीजों को इलाज के लिए कोच्चि जाने की आवश्यकता कम पड़ेगी।


राष्ट्रपति ने कहा कि बहुत से ऐसे मुद्दे हैं, जिनसे लक्षद्वीप के लोगों को लड़ना पड़ता है। उदाहरण के लिए जैसे लक्षद्वीप के सभी द्वीप बिजली के लिए पूरी तरह डीजल जनरेटरों पर निर्भर है। उन्होंने कहा कि हमें डीजल से बनने वाली बिजली की निर्भरता को कम करने के तरीकों का पता लगाना चाहिए। हमें लक्षद्वीप में नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने के बारे में सोचना चाहिए, क्योंकि यहां प्रचुर मात्रा में सौर और पवन ऊर्जा उपलब्ध है। मैं समझता हूं कि लक्षद्वीप में पीने के पानी की कमी है। यह एक ऐसा अन्य क्षेत्र है, जिसके लिए नवोन्मेषी समाधान ढूंढ़ने और उसे अपनाने की आवश्यकता है। मुझे यकीन है कि लक्षद्वीप के लोग और संबद्ध अधिकारी इन सभी मुद्दों के समाधान के लिए मिलकर काम करेंगे।  


टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...