उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने केन्द्र सरकार की भांति ही प्रदेश में विमुक्ति जनजाति आयोग के गठन का सुझाव आज राजभवन में आयोजित प्रदेश में अनुसूचित जनजातियों हेतु संचालित कल्याणकारी योजनाओं के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि इससे विमुक्ति घुमन्तू जनजातियों को राज्य सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ आसानी से प्राप्त हो सकेगा। उन्होंने राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालयों के लिए आवंटित धनराशि को नियमित रूप से जारी करने के निर्देश दिए, जिससे इन विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन 605.90 लाख रूपये के सापेक्ष अभी तक 143.32 लाख रूपये की स्वीकृति यह दर्शाता है कि धन की स्वीकृति समय से नहीं हो रही है। उन्होंने विद्यालयों में रिक्त शिक्षकों के पदों को भी यथाशीघ्र भरने की कार्रवाई करने को कहा, जिससे बच्चों की शिक्षा बाधित न हो। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण करायें, जिसमें छात्राओं में रक्त की कमी की जांच अवश्य हो।
प्रमुख सचिव समाज कल्याण श्री मनोज सिंह ने प्रस्तुतीकरण के दौरान अवगत कराया कि अनुसूचित जनजाति के बालक एवं बालिकाओं के शैक्षिक विकास एवं उत्थान हेतु राज्य सरकार की निधि से 9 अनुसूचित जनजाति राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हो रहे हैं, जो पूर्णतया आवासीय हैं। इनमें विद्यार्थियों को निःशुल्क भोजन, डेªस, पाठ्य पुस्तकें आदि उपलब्ध कराया जाता है। इसके साथ ही प्रदेश में 2 एकलव्य माॅडल आवासीय विद्यालय शत-प्रतिशत केन्द्रांश द्वारा संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा जनजाति उपयोजना के अन्तर्गत विशेष केन्द्रीय सहायता से कौशल विकास कार्यक्रमों का संचालन, अत्याचार से उत्पीड़ित परिवारों को 227.12 लाख रूपये की सहायता का वितरण, छात्राओं हेतु यूनीफार्म एवं बाइसिकिल योजना, बालक-बालिकाओं के लिए छात्रावास का संचालन, पूर्व दशम् छात्रवृत्ति तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति, शादी अनुदान आदि योजनाओं के बारे में राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया गया।
ग्राम्य विकास आयुक्त श्री के0 रवीन्द्र नायक ने अवगत कराया कि वर्ष 2011 के सर्वे के सभी लाभार्थियों को आवास उपलब्ध कराये जा चुके हैं, जिसमें 13,125 लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत तथा 254 लाभार्थियों को मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत आवास दिया गया है।
इस अवसर पर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव श्री दीपक कुमार, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव डाॅ0 देवेश चतुर्वेदी, सचिव नियोजन विभाग सुश्री नीना शर्मा, भूतत्व एवं खनिकर्म विभाग की सचिव डाॅ0 रोशन जैकब, पंचायती राज विभाग के सचिव श्री वीरेन्द्र कुमार सिंह के अलावा अन्य विभागों के अधिकारीगण भी उपस्थित थे।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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