सीकर।
भारत मे संविधान विरोधी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) लागू होने के बाद भारत की जनता द्वारा उसका विरोध अलग अलग तरीक़े से शूरु करने के अलावा दिल्ली के शाहीनबाग क्षेत्र मे महिलाओं ने शांतिपूर्ण दिन-रात पड़ाव डालकर अपने आंदोलन को दूनिया भर मे काफी प्रसिद्ध करते हुये उसको चालिस दिन से आगे बढते हुये लगातार जारी रख रखा है। दिल्ली के शाहीनबाग के आंदोलन ताकत देने के साथ उसको फोलो करते हुये आज दैश भर मे दोसो से अधिक जगह पर शाहीनबाग बन चुके है। इसी कड़ी मे गणतंत्र दिवस की दोपहर से दिल्ली के शाहीनबाग आंदोलन को फोलो करते हुये राजस्थान के ऐतिहासिक शहर सीकर मे सीएए-एनपीआर व एनआरसी का विरोध करने के लिये शाहीनबाग बनाने का तय किया है। जहां महिलाओं द्वारा शातिपूर्ण आंदोलन चलाते हुये विरोध के स्वर को मुखर किया जायेगा।
सीकर के उक्त शांतिपूर्ण आंदोलन को सुचारु रुप से जारी रखने के लिये एक शाहीनबाग टीम का गठन किया गया है। सीकर मे सभी समाज मे गलर्स ऐजुकेशन प्रदेश के अन्य क्षेत्रो से अधिक होने के कारण सीकर मे शाहीनबाग बनाने के प्रति लड़कियों के साथ साथ बूजुर्ग महिलाओं मे काफी उत्साह नजर आ रहा है।
सीएए-एनपीआर व एनआरसी के खिलाफ इसी बीस जनवरी को सर्वसमाज के एक लाख के करीब लोगो ने पहले सीकर की क्रषि उपज मंडी मे विशाल सभा की एवं फिर पूर्व विधायक कामरेड अमरा राम के नेतृत्व मे रैली के रुप मे मण्डी से कलेक्ट्रेट आकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया गया। इसके अतिरिक्त राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिह डोटासरा ने बताया कि गणतंत्र दिवस पर सभी विधालयों मे संविधान की प्रस्तावना को पढवाया जायेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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