नयी दिल्ली, : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पाकिस्तान में ननकाना साहिब पर भीड़ के कथित पथराव एवं नारेबाजी की घटना की निंदा करते हुए शनिवार को कहा कि परस्पर सम्मान और प्रेम की बदौलत ही धर्मान्धता के जहर को खत्म किया जा सकता है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा,'ननकाना साहिब पर हमला निंदनीय है और इसकी खुल कर भर्त्सना करनी चाहिए।' गांधी ने कहा, ' धर्मान्धता खतरनाक है और यह बहुत पुराना जहर है जिसकी कोई सीमा नहीं होती।
प्रेम, परस्पर सम्मान और समझ ही इस जहर को खत्म करती है।" इस घटना के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने मुज्जफरनगर में संवाददाताओं से कहा कि ऐसी किसी भी घटना की निंदा होनी चाहिए।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा, 'ननकाना साहिब गुरुद्वारे पर हुआ हमला मानवता के आदर्शों व धार्मिक मूल्यों को शर्मसार करने वाली घटना है। इस हमले के लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान की सरकार ज़िम्मेवार है। इस घटना की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं।' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान की सरकार ननकाना साहिब की सुरक्षा सुनिश्चित करे।' कांग्रेस के कई अन्य नेताओं ने भी इस घटना की भर्त्सना की है।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में सिख किशोरी से शादी करने वाले एक मुस्लिम व्यक्ति के परिवार की अगुवाई में कुछ लोगों ने अपने रिश्तेदारों की गिरफ्तारी के विरोध में शुक्रवार को यहां गुरद्वारा जन्मस्थान ननकाना साहिब के बाहर प्रदर्शन किया।
खबरों के अनुसार भीड़ ने गुरद्वारे पर धावा बोल दिया और सिख श्रद्धालुओं पर पथराव किया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने घटना की निंदा की है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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