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पेट्रोलियम रोड टैंकरों को व्‍यावसायिक सुगमता देने के लिए कागज रहित लाइसेंसिंग प्रक्रिया लांच की गई

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के डिजिटल इंडिया तथा व्‍यावसायिक सुगमता के विजन के अनुरूप वाणिज्‍य तथा उद्योग मंत्रालय के उद्योग संवर्धन तथा आंतरिक व्‍यापार विभाग (डीपीआईआईटी) ने पेट्रोलियम नियम 2002 के अंतर्गत पेट्रोलियम की आवाजाही के लिए रोड टैंकरों को पेट्रोलियम तथा विस्‍फोटक सुरक्षा संगठन (पीईएसओ) के माध्‍यम से कागजरहित लाइसेंसिंग प्रक्रिया लांच की।


यह कागजरहित तथा हरित भारत के लिए महत्‍वपूर्ण कदम है, जिससे पेट्रोलिमय रोड टैंकर मालिकों के जीवन और व्‍यवसाय की सहजता मिलेगी। डि‍जिटलीकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए इस प्रक्रिया में आवेदनों को ऑनलाइन रूप से दाखिल करना है। इसमें फीस का ऑनलाइन भुगतान भी है। फीस का भुगतान बिना किसी मानवीय हस्‍तक्षेप के सीधे तौर पर संबंधित अधिकारी के आईडी में हो जाएगा। आवेदन प्रोसेस करने के प्रत्‍येक चरण में एसएमएस तथा ई-मेल के माध्‍यम से आवेदकों को सूचना दी जाएगी। आवेदन में दोष या लाइसेंस मंजूरी या स्‍वीकृति की सूचना दी जाएगी।


नई प्रक्रिया प्रत्‍येक चरण में आवेदक को अद्यतन करेगा। संबंधित अधिकारी द्वारा लाइसेंस जारी करने पर ई-मेल तथा एसएमएस संदेश मिलेंगे और लाइसेंस इलेक्‍ट्रॉनिक रूप में भेज दिया जाएगा। इन सभी कामों में छपाई तथा शारीरिक रूप से लाइसेंस पहुंचाने की कोई आवश्‍यकता नहीं होगी।


यह असाधारण कदम एक लाख से अधिक पेट्रोलियम रोड टैंकर मालिकों को लाभ देगा। रोड टैंकर मालिक पेट्रोलियम नियम 2002 के अंतर्गत जारी कुल लाइसेंसों के आधे से अधिक हैं। टीईएसओ की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से लाइसेंस की प्रमाणिकता का सत्‍यापन किया जा सकता है। इससे पेट्रोलियम तथा गैस उद्योग में क्रांति आएगी।   


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