नयी दिल्ली, : भारत इस साल मार्च में आयोजित होने वाले पेरिस पुस्तक मेले में अतिथि देश होगा। साल 2002 और 2007 के बाद यह तीसरा मौका है, जब भारत मेले में अतिथि देश के रूप में शामिल होगा।
आयोजकों ने मंगलवार को बताया कि मेले में 15 भारतीय प्रकाशक और विभिन्न भाषाओं के 30 लेखक शामिल होंगे।
‘फ्रेंच इंस्टीट्यूट इन इंडिया’ के निदेशक और फ्रांसीसी दूतावास में शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति काउंसलर बर्तांद्र दी हार्तिंग ने कहा कि पेरिस आयोजन सिर्फ पुस्तक मेला तक सीमित नहीं है, बल्कि यह बुद्धिजीवियों का समागम है।
उन्होंने बताया कि यह यूरोप का सबसे महत्वपूर्ण साहित्यिक और प्रकाशन आयोजन है, जिसके माध्यम से भारत न सिर्फ फ्रांस में बल्कि पूरे यूरोप में अपने नये लेखकों और नयी कृतियों को पेश कर सकता है। इसके अलावा उसे बड़े प्रकाशन उद्योग, अपनी जीवंत और नवीन परियोजनाओं के लिए बेहतरीन मंच प्राप्त हो सकता है।
उन्होंने कहा कि फ्रांस प्रकाशन, अनुवाद, साहित्यिक आदान-प्रदान के माध्यम से प्रकाशन के क्षेत्र में भारत के साथ जुड़ने को उत्सुक है।
इस सांस्कृतिक आदान-प्रदान को जारी रखते हुए फ्रांस को 2022 के नयी दिल्ली विश्व पुस्तक मेले में अतिथि देश घोषित करने की संभावना है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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