नोएडा, : नोएडा के थाना बीटा- दो क्षेत्र के विरौंडी गांव की एक महिला ने पति से हुए विवाद के बाद पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली।
थाना बीटा-2 के थानाध्यक्ष सुजीत उपाध्याय ने बताया कि मूल रूप से जनपद संभल के रहने वाले गिरीश पाल अपनी पत्नी सुमित्रा (45 वर्ष) के साथ ग्रेटर नोएडा के विरौंडी गांव में रहते हैं। उन्होंने बताया कि बीती रात पति- पत्नी में किसी बात को लेकर विवाद हो गया। इससे आहत सुमित्रा ने मंगलवार को तड़के अपने घर के पास एक पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली।
थाना प्रभारी ने बताया कि पुलिस ने शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच कर रही है।
इस बीच एक अन्य घटना में दादरी पुलिस ने मंगलवार को एक शातिर लुटेरे को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान बदमाश ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 50 से ज्यादा लूट की वारदातों में शामिल रहने की बात स्वीकार की है।
थाना दादरी के प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस ने पवन को गिरफ्तार किया है। थाना प्रभारी ने बताया कि इसका एक साथी पूसी उर्फ पुष्पेंद्र मौके से भाग गया है।
इस बीच थाना फेस-2 पुलिस ने मकान मालिक के घर से चोरी करने वाले पति- पत्नी को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके पास से लाखों रुपए मूल्य के जेवरात तथा नकदी आदि बरामद किए हैं।
नगर पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल ने बताया कि थाना फेस-2 क्षेत्र के याकूबपुर गांव में रहने वाले यतिन भाटी के घर से 24 दिसंबर को उनके किराएदार चंद्रमणि सेंगर तथा उनकी पत्नी सविता ने लाखों रुपए के जेवरात व 2 लाख रुपये की नकदी चोरी कर ली थी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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