नयी दिल्ली, :उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री में जमा कराये गये 20 करोड़ रूपए वापस लेने की अनुमति दे दी। कार्ति चिदंबरम ने विदेश यात्रा पर जाने की शर्त के रूप में यह रकम न्यायालय की रजिस्ट्री में जमा करायी थी।
शीर्ष अदालत ने जनवरी और मई 2019 में 10-10 करोड़ रूपए जमा कराने शर्त पर कार्ति चिदंबरम को विदेश जाने की अनुमति दी थी।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्य कांत की पीठ के समक्ष यह मामला सुनवाई के लिये आने पर प्रवर्तन निदेशालय की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें यह रकम वापस लेने की अनुमति देने पर कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि कार्ति विदेश से वापस आ चुके हैं।
पीठ ने इस कथन का संज्ञान लेते हुये कहा कि कार्ति इस रकम को निकाल सकते हैं क्योंकि वह पहले ही स्वदेश आ गये हैं।
न्यायालय ने यह शर्त उस वक्त लगायी थी जब प्रवर्तन निदेशालय ने कार्ति के विदेश यात्रा के आवेदन का विरोध किया था।
कार्ति चिदंबरम के खिलाफ आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय ने मामले दर्ज किए हैं जिनकी जांच चल रही है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ